आज देश में गुजरात के सूरत शहर की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 272 तक पहुंच गया। इस दौरान सूरत की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 के कण हावी रहे। वहीं दूसरी तरफ शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक महज 13 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सूरत की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति करीब 20 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 23 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में नंदेसरी दूसरे पायदान पर है, जहां कल से प्रदूषण में 12 अंकों का सुधार आया है, इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 251 पर पहुंच गया।
बता दें कि कल देश में नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (207) तीसरे स्थान पर है। इन तीनों ही शहरों में आज वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। बता दें कि कल महज नंदेसरी की हवा ही खराब थी वहीं आज खराब हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर तीन पर पहुंच गई है।
देश के सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ (183) चौथे जबकि भुवनेश्वर (182) पांचवें स्थान पर है। कुछ ऐसी ही स्थिति सुआकाती की भी है, जहां एक्यूआई 150 दर्ज किया गया। सिंगरौली में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जो 148 अंकों के साथ आज सातवें स्थान पर है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कोटा (142), खुर्जा (124) और भीलवाड़ा (123) भी शामिल हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज देश में जहां चंडीगढ़, नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद आदि की हवा में पीएम10 के कण हावी है। वहीं नंदेसरी, मंडी गोबिंदगढ़, सिंगरौली, खुर्जा, भीलवाड़ा, बर्नीहाट आदि की स्थिति पीएम2.5 के चलते चिंताजनक है। इसी तरह भुवनेश्वर की हवा में कार्बन, छपरा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, और खन्ना में ओजोन से स्थिति खराब है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 20 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया।
दिल्ली की तरह ही आज देश के 20 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बागपत, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीकानेर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, जैसलमेर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, सिंगरौली, श्री गंगानगर, सुआकाती आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
इन शहरों के उलट आज देश में आइजोल सहित 95 अन्य शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, सहरसा, सवाई माधोपुर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
अलवर सहित देश के छोटे बड़े 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इनमें बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी आदि शहर शामिल हैं।
चिंता की बात है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 45 फीसदी शहरों की हवा साफ है। इसी तरह 43 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ 11 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 212 में से 96 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 जून 2025 को यह आंकड़ा 112 दर्ज किया गया था।
21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सूरत (272) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 263 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 112 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मंडी गोबिंदगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं नंदेसरी (251) दूसरे, जबकि बद्दी (207) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 36, गाजियाबाद में 109, गुवाहाटी में 47, गुरूग्राम में 116, नोएडा में 114, ग्रेटर नोएडा में 122 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 80, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 120, हैदराबाद में 63, जयपुर में 57 और पटना में 94 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 96 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भिलाई, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, होसुर, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, सहरसा, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, टेंसा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, ठाणे , थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
आज देश में गुजरात के सूरत शहर की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 272 तक पहुंच गया। इस दौरान सूरत की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 के कण हावी रहे। वहीं दूसरी तरफ शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक महज 13 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सूरत की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति करीब 20 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 23 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में नंदेसरी दूसरे पायदान पर है, जहां कल से प्रदूषण में 12 अंकों का सुधार आया है, इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 251 पर पहुंच गया।
बता दें कि कल देश में नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (207) तीसरे स्थान पर है। इन तीनों ही शहरों में आज वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। बता दें कि कल महज नंदेसरी की हवा ही खराब थी वहीं आज खराब हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर तीन पर पहुंच गई है।
देश के सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ (183) चौथे जबकि भुवनेश्वर (182) पांचवें स्थान पर है। कुछ ऐसी ही स्थिति सुआकाती की भी है, जहां एक्यूआई 150 दर्ज किया गया। सिंगरौली में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जो 148 अंकों के साथ आज सातवें स्थान पर है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कोटा (142), खुर्जा (124) और भीलवाड़ा (123) भी शामिल हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज देश में जहां चंडीगढ़, नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद आदि की हवा में पीएम10 के कण हावी है। वहीं नंदेसरी, मंडी गोबिंदगढ़, सिंगरौली, खुर्जा, भीलवाड़ा, बर्नीहाट आदि की स्थिति पीएम2.5 के चलते चिंताजनक है। इसी तरह भुवनेश्वर की हवा में कार्बन, छपरा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, और खन्ना में ओजोन से स्थिति खराब है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 20 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया।
दिल्ली की तरह ही आज देश के 20 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बागपत, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीकानेर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, जैसलमेर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, सिंगरौली, श्री गंगानगर, सुआकाती आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
इन शहरों के उलट आज देश में आइजोल सहित 95 अन्य शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, सहरसा, सवाई माधोपुर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
अलवर सहित देश के छोटे बड़े 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इनमें बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी आदि शहर शामिल हैं।
चिंता की बात है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 45 फीसदी शहरों की हवा साफ है। इसी तरह 43 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ 11 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 212 में से 96 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 जून 2025 को यह आंकड़ा 112 दर्ज किया गया था।
21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सूरत (272) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 263 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 112 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मंडी गोबिंदगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं नंदेसरी (251) दूसरे, जबकि बद्दी (207) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 36, गाजियाबाद में 109, गुवाहाटी में 47, गुरूग्राम में 116, नोएडा में 114, ग्रेटर नोएडा में 122 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 80, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 120, हैदराबाद में 63, जयपुर में 57 और पटना में 94 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 96 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भिलाई, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, होसुर, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, सहरसा, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, टेंसा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, ठाणे , थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।