नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 211 तक पहुंच गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 1,300 फीसदी अधिक है।
यह स्थिति लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गई है। वहीं, शिलांग में वायु गुणवत्ता सूचकांक मात्र 9 है, जो देश में सबसे साफ है।
देश के 32.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 15.3 फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक है।
प्रदूषण के मामले में आज देश में नंदेसरी की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 211 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में है। आज नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। वहां की फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
नंदेसरी में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसके इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 1,300 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल सरकारी आंकड़ों में नंदेसरी का जिक्र नहीं था।
वहीं कल देश में मुंगेर की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 205 दर्ज किया गया था, जो आज 118 अंकों के भारी सुधार के साथ घटकर 87 पर पहुंच गया है। मतलब कि मुंगेर में एक ही दिन में वायु गुणवत्ता खराब से संतोषजनक हो गई है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 9 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 32.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है। अच्छी खबर यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं 52 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 15.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 126 पर पहुंच गया। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 740 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषित शहरों में बिहार का औरंगाबाद दूसरे पायदान पर है, जहां एक्यूआई 193 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह समस्तीपुर (191) तीसरे जबकि बद्दी (187) चौथे स्थान पर है। वहीं 186 अंकों के साथ मोतिहारी पांचवें स्थान पर है।
ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 163 अंकों के साथ छठे स्थान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज गोरखपुर (152) सातवें जबकि बुलन्दशहर (147) आठवें स्थान पर है। इसी तरह प्रदूषित शहरों की इस लिस्ट में आज मेरठ (141) और गाजियाबाद (139) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां नंदेसरी, औरंगाबाद (बिहार), मोतिहारी, गोरखपुर, नलबाड़ी, दिल्ली, लखनऊ आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं समस्तीपुर, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, नोएडा, सिवान, श्री गंगानगर, गुरूग्राम, मुरादाबाद, कटनी, धौलपुर, झांसी, मंडी गोबिंदगढ़, दमोह, हापुड, भरतपुर, दौसा, टोंक, बागपत, मुजफ्फरनगर, पटना, विशाखापत्तनम, जयपुर, भिवाड़ी, सासाराम आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में ओजोन और अन्य प्रदूषकों से स्थिति खराब है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में अगरतला सहित 74 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में बेगूसराय, बेलापुर, भिवंडी, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, हुबली, इंदौर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लुधियाना, मदिकेरी, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा आदि शामिल हैं। हालांकि कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
इन शहरों के उलट आज देश के 34 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों में आज औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, भरतपुर, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, दमोह, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, जयपुर, झांसी, कटनी, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, समस्तीपुर, सासाराम, सिवान, श्री गंगानगर, टोंक, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 228 में से 74 (+15.6 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 22 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था।
34 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (211) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल मुंगेर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 205 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक नौ अंकों की गिरावट के साथ घटकर 126 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं औरंगाबाद (बिहार) (193) दूसरे, जबकि समस्तीपुर (191) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 91, गाजियाबाद में 139, गुवाहाटी में 52, गुरूग्राम में 123, नोएडा में 130, ग्रेटर नोएडा में 163 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 46 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 116, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 77, हैदराबाद में 72, जयपुर में 106 और पटना में 108 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 74 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बारबिल, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भिवंडी, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, हुबली, इंदौर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुडुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लुधियाना, मदिकेरी, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिरोही, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वाटवा, वृंदावन आदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।