फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

धौलपुर को पीछे छोड़ पहले पायदान पर पहुंचा श्रीगंगानगर, दिल्ली में भी बढ़ा प्रदूषण

दूसरी तरफ आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 20 दर्ज किया गया

Lalit Maurya

प्रदूषण के मामले में धौलपुर को पीछे छोड़ श्रीगंगानगर पहले स्थान पर पहुंच गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान राजस्थान के इस शहर में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो धौलपुर में 1370 फीसदी अधिक है।

गौरतलब है कि कल देश में धौलपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 218 दर्ज किया गया। हालांकि कल से 91 अंकों के सुधार के साथ वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 127 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 36 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 57 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छपरा (187) दूसरे जबकि दौसा (149) तीसरे स्थान पर है। भिवाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 130 अंकों के साथ आज चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं 127 अंकों के साथ आज धौलपुर पांचवें स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो आज छठे स्थान पर है। इसी तरह चूरू भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 37 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 116 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आठवें स्थान पर पहुंच गया है।

देश के इन सबसे प्रदूषित शहरों में नंदेसरी (115) और गाजियाबाद (111) भी शामिल हैं।

रुझानों के मुताबिक आज देश में दौसा, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, चुरू, दिल्ली, नंदेसरी, गाजियाबाद, नोएडा, जयपुर, टोंक, कटनी, बद्दी आदि शहरों में पीएम10 हावी है। वहीं श्रीगंगानगर, छपरा, धौलपुर आदि में बढ़ते पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह सुआकाती में ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के उलट आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 20 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि श्रीगंगानगर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक आज देश में मदिकेरी सहित 80 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, गोरखपुर, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, हुबली, जोरापोखर, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोप्पल, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में आज अजमेर सहित छोटे-बड़े 127 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, कटक, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़ आदि शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ आज देश में 15 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, भिवाड़ी, छपरा, चुरू, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, जयपुर, कटनी, नंदेसरी, नोएडा, सुआकाती, टोंक शामिल हैं। रुझानों से पता चला है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से 80 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 127 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 03 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 120 दर्ज किया गया था।

15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (221) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 230 के करीब पहुंच गया। कल धौलपुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 218 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 37 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 116 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज भिवाड़ी चौथे स्थान पर है, वहीं छपरा (187) दूसरे, जबकि दौसा (149) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 69, गाजियाबाद में 111, गुवाहाटी में 28, हापुड में 55, नोएडा में 111, ग्रेटर नोएडा में 120 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 50, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 61, हैदराबाद में 74, जयपुर में 107 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 80 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, बिलासपुर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, गोरखपुर, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, हुबली, जोरापोखर, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोप्पल, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सहरसा, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, कटक, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करूर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 127 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।