आज अगरतला को पीछे छोड़ श्रीगंगानगर प्रदूषण में पहले स्थान पर पहुंच गया, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 दर्ज किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो श्रीगंगानगर में प्रदूषण का स्तर 1300 फीसदी अधिक है। इस दौरान राजस्थान के इस शहर में प्रदूषण के महीन कण हावी थे।
गौरतलब है कि कल देश में अगरतला की हवा सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 269 दर्ज किया गया था। हालांकि आज 244 अंकों के भारी सुधार के साथ आज अगरतला में सूचकांक घटकर 25 पर पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 30 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में मेघालय का बर्नीहाट दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 209 दर्ज किया गया है। मतलब की देश के इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है, जो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में कटक की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई घटकर 18 पर पहुंच गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्रीगंगानगर की तुलना कटक से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के आधे से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 43 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के छह फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
रुझानों के मुताबिक आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में धौलपुर (173) तीसरे जबकि जैसलमेर (133) चौथे पायदान पर है। नंदेसरी भी 131 अंकों के साथ पांचवें पायदान पर काबिज है। कमोबेश चुरू में भी ऐसी ही स्थिति है, जो 125 अंकों के साथ छठे जबकि छपरा (114) सातवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज नागौर (111), बद्दी (105) और बीकानेर (105) भी शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज जहां धौलपुर, जैसलमेर, चुरू, नागौर, बद्दी, बीकानेर, वापी, बाड़मेर, जालौर आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी है। वहीं श्रीगंगानगर, बर्नीहाट, नंदेसरी आदि की हवा में पीएम2.5 से चिंताजनक बनी हुई है।
रुझानों से पता चला है कि आज देश के 51 फीसदी यानी 110 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर आदि शामिल हैं।
हालांकि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब एक फीसदी की मामूली गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां छह अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 66 पर पहुंच गया। बता दें कि दिल्ली की तरह ही आज देश के छोटे-बड़े 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रिकॉर्ड की गई।
इन शहरों में गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जलना, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, करौली, करूर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मुंबई, नगांव, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, तालचेर, ठाणे आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इसी तरह आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बाड़मेर, बीकानेर, छपरा, चुरू, धौलपुर, जैसलमेर, जालौर, नागौर, नंदेसरी, वापी शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 83 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 110 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 29 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था।
11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (212) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 269 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 6 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारकर 66 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जैसलमेर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (209) दूसरे, जबकि धौलपुर (173) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 33, गाजियाबाद में 55, गुवाहाटी में 44, हापुड में 60, नोएडा में 43, ग्रेटर नोएडा में 85 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 53, हैदराबाद में 62, जयपुर में 86 और पटना में 79 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 110 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जलना, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, करौली, करूर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मुंबई, नगांव, ऊटी, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।