फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

प्रदूषण में सोनीपत रहा अव्वल, दिल्ली में कल से ज्यादा जहरीली हुई हवा

देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या घटकर महज 18 फीसदी रह गई है। वहीं 45 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है

Lalit Maurya

देश में प्रदूषण की स्थिति हर दिन बद से बदतर होती जा रही है। इसके सबूत साफ तौर पर आंकड़ों में भी नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या तेजी से घट रही है। वहीं प्रदूषित हवा वाले शहरों का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। इतना ही नहीं कई शहरों में स्थिति पहले से कहीं ज्यादा बदतर होती जा रही है।

राजधानी दिल्ली में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 17 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके बाद दिल्ली की हवा में घुला जहर कहीं ज्यादा बढ़ गया है। वहीं देश में सोनीपत की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 331 दर्ज किया गया। इसी तरह जींद (311) और श्रीगंगानगर (304) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कुरूक्षेत्र, हनुमानगढ़, गाजियाबाद, बहादुरगढ़, कैथल, हाजीपुर शामिल रहे। गौरतलब है कि देश के 28 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। इन शहरों में अंगुल, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, चरखी दादरी, कुड्डालोर, कटक, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, मांडीखेड़ा, मेरठ, नोएडा, पंचकुला, रोहतक, सिंगरौली, सिरसा और यमुनानगर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 47 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में दिल्ली (327), जींद   (311), सोनीपत (331) और श्रीगंगानगर (304) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार चला गया है। दूसरी तरफ कारवार की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सोनीपत की तुलना कारवार से करें तो वहां वायु गुणवत्ता की स्थिति 15 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि देश में छोटे बड़े 46 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, बेंगलुरु, बीदर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर आदि शहर शामिल रह। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में अजमेर सहित 91 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में ऋषिकेश, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा शामिल थे। वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब दस फीसदी का इजाफा हुआ है।

फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। जहां तीन अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 162 पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इसी तरह देश के 82 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अम्बाला, अमृतसर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, भोपाल, बिहारशरीफ, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, दमोह, देहरादून, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नारनौल, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, प्रयागराज, रायचुर, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सीकर, सिवान, तालचेर, टेन्सा, टोंक, उज्जैन, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल थे।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में प्रदूषण लगातार हावी होता जा रहा है। नतीजन जहां एक तरफ साफ हवा वाले शहरों की संख्या घट रही है। वहीं प्रदूषित शहरों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यही वजह है कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या घटकर महज 18 फीसदी रह गई है। वहीं करीब 37 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है, जबकि 45 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालत चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से 46 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 84 दर्ज किया गया था। 82 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में सोनीपत (331) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया है। इसी तरह दिल्ली (327), जींद (311) और श्रीगंगानगर (304) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि कल दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 327 तक पहुंच गया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 162, गाजियाबाद में 284, गुरुग्राम में 223, नोएडा में 261, ग्रेटर नोएडा में 226 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 164, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 191, हैदराबाद में 65, जयपुर में 128 और पटना में 196 दर्ज किया गया।

इन शहरों की सबसे साफ रही हवा

देश के जिन 46 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, बेंगलुरु, बीदर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, गडग, गंगटोक, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कारवार, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर  शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, करूर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागपट्टिनम, नागौर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।