दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों को पीछे छोड़ देश में आज हनुमानगढ़ की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 30 मई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि हनुमानगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 254 दर्ज किया गया है।
इसी तरह राजस्थान के कई अन्य शहरों में भी आज वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इनमें चुरू, बीकानेर, झुंझुनूं शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो आज जहां चुरू (238) प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है। वहीं बीकानेर तीसरे स्थान पर बना हुआ है, जहां एक्यूआई 228 दर्ज किया गया। बता दें कि इस दौरान इन तीनों शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे।
गौरतलब है कि कल देश में जयपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूएआई 243 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज वहां 92 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 पर पहुंच गया है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि राउरकेला आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 212 दर्ज किया गया। कमोबेश ऐसी ही स्थिति राजस्थान के झुंझुनूं में भी है, जहां एक्यूआई 206 रिकॉर्ड किया गया है। पंजाब का बठिंडा शहर प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है, जबकि भिवाड़ी में एक्यूआई 200 तक पहुंच गया।
विश्लेषण के मुताबिक आज देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' है, जबकि कल इन शहरों की गिनती पांच दर्ज की गई थी। मतलब की कल से इनकी संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह आज भिवाड़ी (200) सातवें, जबकि श्रीगंगानगर (200) आठवें स्थान पर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में राजस्थान के नागौर (197) और सीकर (183) भी शामिल हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से आठ राजस्थान के शहर हैं।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में कोयंबटूर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हनुमानगढ़ की तुलना कोयंबटूर से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 47 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, छपरा, दौसा, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, जोधपुर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 26 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां देश के करीब 56 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 49 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के 26 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
आंकड़ों के मुताबिक अगरतला सहित देश के 54 शहरों में हवा साफ बनी हुई है।
इन शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, किशनगंज, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सहरसा, सलेम, शिवमोगा, सिलचर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इसी तरह देश में अलवर सहित 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सागर, समस्तीपुर, सिंगरौली आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 210 में से 54 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 मई 2025 को यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया था।
48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में हनुमानगढ़ (254) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल जयपुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 243 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही चार अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 167 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज राउरकेला चौथे स्थान पर है, वहीं चुरू (238) दूसरे, जबकि बीकानेर (228) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 120, गाजियाबाद में 116, गुवाहाटी में 46, गुरूग्राम में 168, नोएडा में 142, ग्रेटर नोएडा में 118 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 92 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 94, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 108, हैदराबाद में 75, जयपुर में 151 और पटना में 74 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 54 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बैरकपुर, भागलपुर, बिलासपुर, बक्सर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, किशनगंज, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सहरसा, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, देवास, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सागर, समस्तीपुर, सिंगरौली, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।