देश के बड़े शहरों को तुलना में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि आज हनुमानगढ़ में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 363 तक पहुंच गया है।
इसी तरह चुरू (353), बीकानेर (349), श्रीगंगानगर (342), चंडीगढ़ (339), मंडीदीप (331), बद्दी (317), सोनीपत (305) आदि शहरों में स्थिति बेहद खराब है। देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों में दिल्ली भी शामिल है, जो प्रदूषण के मामले में आज छठे स्थान पर रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 334 तक पहुंच गया। हालांकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कल से 18 अंकों का सुधार आया है।
दीवाली के बाद से देखें तो लगातार बारहवें दिन बाद आज भी प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में कल से 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 80 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई का स्तर 20 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हनुमानगढ़ की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है।
बता दें कि देश में छोटे बड़े 25 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, सिलचर, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 31 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ अमृतसर सहित देश के 42 शहरों में प्रदूषण का स्तर 'खराब' बना हुआ है।
इन शहरों में बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, छपरा, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, जयपुर, जलना, झुंझुनूं, कैथल, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नोएडा, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, रोहतक, सिंगरौली, सिवान, सूरत, यमुनानगर शामिल हैं।
हालांकि अच्छी खबर यह है कि कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 16 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, देवास, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, महाड, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नागपुर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पानीपत, पीथमपुर, पुणे, रायचुर, रायपुर, राजगीर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
ताजा रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के छोटे बड़े 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कोरबा, मंगलौर, नयागढ़, पलवल, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई,रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सतना, सिलीगुड़ी आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 24 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि करीब 26 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 65 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 262 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 68 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया था। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में हनुमानगढ़ (363) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 370 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 352 तक पहुंच गया।
वहीं प्रदूषण के मामले में कल दिल्ली पहले स्थान पर थी, तब से आज दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 18 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 334 तक पहुंच गया। ऐसे में आज दिल्ली प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर रही। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 122, गाजियाबाद में 232, गुरुग्राम में 260, नोएडा में 220, ग्रेटर नोएडा में 249 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 197, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 339, हैदराबाद में 104, जयपुर में 204 और पटना में 243 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, कलबुर्गी, करूर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, सिलचर, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अनंतपुर, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कांचीपुरम, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, मंगलौर, नयागढ़, पलवल, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।