11 नवंबर दिल्ली के लिए साल का सबसे प्रदूषित दिन रहा, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 428 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में गैस-चैम्बर जैसे हालत बन चुके हैं।
दिल्ली में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,600 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में गडग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 28 रिकॉर्ड किया गया
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (425) दूसरे जबकि बहादुरगढ़ (421) तीसरे स्थान पर है।
इसी तरह 406 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है। गाजियाबाद-खुर्जा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 390 और 381 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (बहादुरगढ़, सोनीपत, गुरुग्राम, जींद, सिरसा) और उत्तर प्रदेश के चार शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, खुर्जा) शामिल हैं।
11 नवंबर दिल्ली के लिए साल का सबसे प्रदूषित दिन रहा, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 428 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में गैस-चैम्बर जैसे हालत बन चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। गौरतलब है कि कल (10 नवंबर 2025) दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से प्रदूषण में 66 अंकों का भारी उछाल आया है।
रुझानों में सामने आया है कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
2025 में यह पहला मौका है जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 428 रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,600 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में गडग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना गडग से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 नवंबर, 2025 को 254 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 25.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 70.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21.4 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। दूसरी तरफ देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 8.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में 13.3 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 28 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (425) दूसरे जबकि बहादुरगढ़ (421) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 406 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है। गाजियाबाद-खुर्जा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 390 और 381 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
सोनीपत (381) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरूग्राम (378), जींद (376) और सिरसा (375) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (बहादुरगढ़, सोनीपत, गुरुग्राम, जींद, सिरसा) और उत्तर प्रदेश के चार शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, खुर्जा) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि जहां दिल्ली, नोएडा, बहादुरगढ़, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, गुरूग्राम, जींद, सिरसा, भिवाड़ी, फतेहाबाद, चरखी दादरी, मानेसर, रोहतक, हापुड, बागपत, मंडीदीप, फरीदाबाद, भिवानी, नारनौल, अंगुल, धौलपुर, पलवल, हनुमानगढ़, मुजफ्फरनगर, भुवनेश्वर, कैथल, पानीपत, कटनी, करनाल, तिरुपति, ग्वालियर, कटक, वृंदावन, वापी, भोपाल, हाजीपुर, कानपुर, टोंक, डिंडीगुल, विशाखापत्तनम, तालचेर, लखनऊ, लुधियाना, नांदेड़, गुम्मिडिपूंडी, हावड़ा, बालासोर, कुरूक्षेत्र, पंचगांव, कोलकाता, वातवा, अम्बाला, औरंगाबाद (बिहार), बारबिल, जबलपुर, हल्दिया, जालंधर, परभनी, आसनसोल, राउरकेला, करूर, जलगांव, खन्ना, तिरुमाला, बिहार शरीफ, पटियाला, सागर, विरुधुनगर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं गाजियाबाद, खुर्जा, बुलन्दशहर, मेरठ, हिसार, श्री गंगानगर, नागौर, आगरा, झुंझुनूं, सीकर, चुरू, दौसा, जयपुर, अहमदाबाद, प्रयागराज, फिरोजाबाद, बीकानेर, पटना, पीथमपुर, अमरावती (महाराष्ट्र), गया, जोधपुर, जालौर, सांगली, चंद्रपुर, करौली, भीलवाड़ा, बारां, रतलाम, सासाराम, धुले, गांधीनगर, कोटा, नासिक, सिंगरौली, वाराणसी, अमरावती (आंध्रप्रदेश), देवास, इंदौर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 4.3 फीसदी यानी 11 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में अररिया, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, देहरादून, गडग, नगांव, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति कल जैसी ही है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, चंडीगढ़, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, गंगटोक, गुवाहाटी, होसुर, हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 128 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अम्बाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, देवास, धनबाद, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कानपुर, करौली, करूर, खन्ना, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सूरत, तालचेर, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 8.5 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 34 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अंगुल, बागपत, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, चुरू, कटक, दौसा, धौलपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, जयपुर, झुंझुनूं, कैथल, करनाल, कटनी, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नारनौल, पलवल, पानीपत, प्रयागराज, सीकर, श्री गंगानगर, तिरुपति, वापी, वृंदावन शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में भिवाड़ी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हापुड, जींद, खुर्जा, मानेसर, रोहतक, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं। वहीं चार शहरों दिल्ली (428), नोएडा (425), बहादुरगढ़ (421) और ग्रेटर नोएडा (406) में स्थिति गंभीर है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 254 में से 11 शहरों (-21.4) में हवा 'बेहतर' है। 64 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 10 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 64 दर्ज किया गया था।
128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज दिल्ली (428) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 430 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल दिल्ली में सूचकांक 362 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में 66 अंकों का उछाल आया है। मतलब की आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।
कल बागपत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 381 दर्ज किया गया था। वहीं आज 82 अंकों के सुधार के साथ बागपत में एक्यूआई घटकर 299 पर पहुंच गया है।
दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां 67 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 298 रिकॉर्ड किया गया।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 11 नवंबर को ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (425) दूसरे, जबकि बहादुरगढ़ (421) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 211, गाजियाबाद में 390, गुवाहाटी में 69, गुरूग्राम में 378, नोएडा में 425, ग्रेटर नोएडा में 406 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 158 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 186, चेन्नई में 120, चंडीगढ़ में 80, हैदराबाद में 102, जयपुर में 208 और पटना में 194 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अररिया, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, देहरादून, गडग, नगांव, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, चंडीगढ़, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, गंगटोक, गुवाहाटी, होसुर, हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नयागढ़, पंचकुला, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तुमिडीह, विजयवाड़ा आदि 64 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।