देश में प्रदूषण से राजस्थान की स्थिति सबसे खराब है। हालात यह हैं कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नौ राजस्थान के हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 25 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान के बीकानेर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 76 अंकों के उछाल के साथ 267 पर पहुंच गया।
वहीं प्रदूषण के मामले में जैसलमेर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई बढ़कर 265 तक पहुंच गया है।
मेघालय के बर्नीहाट में भी हवा खराब बनी हुई है, जो 238 अंकों के साथ प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर है। आज देश के इन तीनों शहरों में हवा खराब दर्ज की गई है। बता दें कि कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई हो।
इसी तरह बाड़मेर (188) चौथे, जबकि नागौर (184) पांचवें स्थान पर है। चित्तौड़गढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 175 अंकों के साथ देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं पाली (174) सातवें जबकि झुंझुनूं (156) आठवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सवाई माधोपुर (155) और कोटा (154) भी शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो देश में बीकानेर, नागौर, पाली, जयपुर, दौसा, गुरूग्राम और वापी आदि में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं, जबकि चित्तौड़गढ़, झुंझुनूं, सवाई माधोपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, बारां, हाजीपुर आदि में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह जैसलमेर, बर्नीहाट, बाड़मेर, झालावाड़, मंडीदीप, राजगीर, दिल्ली, बठिंडा आदि में पीएम2.5 से स्थिति खराब है।
वहीं दूसरी तरफ देश में आज कोयंबटूर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बीकानेर की तुलना कोयंबटूर से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
कोयंबटूर की तरह ही देश के 72 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हुबली, जलना, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नयागढ़ आदि शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के 33 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 16 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। दूसरी तरफ 51 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
अमृतसर सहित देश के 111 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, लखनऊ, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटियाला, पटना आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 31 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में गुरूग्राम, हाजीपुर, इंफाल, जयपुर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, खुर्जा, कोटा, लुधियाना, मंडीदीप, नागौर, पाली, राजगीर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 219 में से 73 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 मई 2025 को यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।
32 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर (267) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल भी बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 191 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 36 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 105 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बाड़मेर चौथे स्थान पर है, वहीं जैसलमेर (265) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (238) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 84, गाजियाबाद में 75, गुवाहाटी में 66, गुरूग्राम में 123, नोएडा में 81, ग्रेटर नोएडा में 70 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 72 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 84, चेन्नई में 47, चंडीगढ़ में 66, हैदराबाद में 60, जयपुर में 150 और पटना में 82 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 73 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हुबली, जलना, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बरेली, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चित्तूर, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, लखनऊ, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।