सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

प्रदूषण से बिगड़ते हालात: महज 11 फीसदी शहरों की हवा साफ, 45.4 फीसदी में हालात चिंताजनक

रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।

Lalit Maurya

  • आंकड़ों के अनुसार, देश के महज 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 45.4 फीसदी शहरों में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है।

  • तमिलनाडु के नमक्कल में वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 तक पहुंच गया है, जो 'खराब' श्रेणी में आता है।

  • दिल्ली में भी प्रदूषण बढ़ा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 189 पर पहुंच गया है।

  • रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

  • दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।

  • आज प्रदूषण के मामले में फतेहाबाद (226) दूसरे जबकि बीकानेर (219) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 210 अंकों के साथ बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां महज 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 43.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 45.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह भी है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है।

रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 4.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। राहत की बात यह है कि देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

आंकड़ों में सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में तमिलनाडु के नमक्कल की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

नमक्कल में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 478 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल नमक्कल में वायु गुणवत्ता का स्तर 54 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 206 अंकों का भारी उछाल आया है।

कल देश में मंडीदीप की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 85 अंकों के सुधार के साथ वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 149 पर पहुंच गया है।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नमक्कल की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 189 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद की बात करें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक मामूली गिरावट के साथ 117 रिकॉर्ड किया गया। 

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में फतेहाबाद (226) दूसरे जबकि बीकानेर (219) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 210 अंकों के साथ बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है। बिलीपाड़ा-पानीपत में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 210 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज गाजियाबाद (204) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज नोएडा (198), जालौर (193) और गुरूग्राम (191) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 4 शहर (फतेहाबाद, बहादुरगढ़, पानीपत और गुरूग्राम) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां फतेहाबाद, गाजियाबाद, चित्तूर, सांगली, हापुड, हनुमानगढ़, धारूहेड़ा, आगरा, अहमदाबाद, बुलन्दशहर, मंडीदीप, मुरादाबाद, हाजीपुर, पटना, किशनगंज, देवास, लखनऊ, पिंपरी-चिंचवाड, गुम्मिडिपूंडी, कानपुर, सोलापुर, कोलकाता, तिरुपति, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), पुणे, बर्नीहाट, फरीदाबाद, पंचकुला, सागर, आसनसोल, हावड़ा, हैदराबाद, कोयंबटूर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।

वहीं नमक्कल, बीकानेर, बहादुरगढ़, बिलीपाड़ा, जालौर, गुरूग्राम, पाली, भिवाड़ी, नागौर, बागपत, धुले, झुंझुनूं, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, मीरा-भायंदर, करौली, धौलपुर, नासिक, वातवा, चुरू, नवी मुंबई, ठाणे, गोरखपुर, जोधपुर, सीकर, टोंक, बद्दी, दमोह, जैसलमेर, भरतपुर, मानेसर, अंगुल आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 11 फीसदी यानी 26 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में चरखी दादरी, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कोरबा, मदुरै, मोतिहारी, मुंगेर, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा आदि शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।    

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जींद, कडपा, कन्नूर, कारवार, काशीपुर, कटिहार, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नांदेड़, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 100 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दिल्ली, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रतलाम, सागर, सांगली, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, श्रीगंगानगर, तालचेर, ठाणे, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विरार शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 4.2 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जोकि राहत की खबर है। आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें बहादुरगढ़, बीकानेर, बिलीपाड़ा, फतेहाबाद, गाजियाबाद, नमक्कल, पानीपत, शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 236 में से 26 शहरों (-21.2 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 12 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 98 दर्ज किया गया था।

100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नमक्कल (260) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया। कल मंडीदीप में वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 22 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 189 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में एक अंक का मामूली सुधार आया है, जिसके साथ ही एक्यूआई 117 पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं फतेहाबाद (226) दूसरे, जबकि बीकानेर (219) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 128, गाजियाबाद में 204, गुवाहाटी में 51, गुरूग्राम में 191, नोएडा में 198, ग्रेटर नोएडा में 180 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 139 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 129, चेन्नई में 92, चंडीगढ़ में 107, हैदराबाद में 105, जयपुर में 174 और पटना में 140 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 26 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, चामराजनगर, चरखी दादरी, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कोरबा, मदुरै, मोतिहारी, मुंगेर, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धनबाद, धारवाड़, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जींद, कडपा, कन्नूर, कारवार, काशीपुर, कटिहार, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नांदेड़, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रोहतक, राउरकेला, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरसा, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।