दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां गाजियाबाद का एक्यूआई 261 और दिल्ली का 211 दर्ज किया गया।
गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 480 फीसदी अधिक है।
देश के 48.5 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जबकि केवल 10.8 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 23 गुणा खराब है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में नोएडा (251) दूसरे जबकि बहादुरगढ़ (229) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 221 अंकों के साथ रोहतक चौथे स्थान पर है।
आज प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 261 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
गाजियाबाद में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 480 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 204 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 57 अंकों का भारी उछाल आया है।
कल देश में नमक्कल की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 206 अंकों के सुधार के साथ वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 पर पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां महज 10.8 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 40.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 48.5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। राहत की बात यह है कि देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 23 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 211 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद की बात करें तो स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वायु गुणवत्ता सूचकांक 117 पर बना हुआ है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में नोएडा (251) दूसरे जबकि बहादुरगढ़ (229) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 221 अंकों के साथ रोहतक चौथे स्थान पर है। गुरूग्राम-दिल्ली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 216 और 211 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज हापुड (204) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मेरठ (199), बल्लभगढ़ (198) और ग्रेटर नोएडा (194) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के पांच (गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, हापुड) और हरियाणा के चार शहर (बहादुरगढ़, रोहतक, गुरूग्राम और बल्लभगढ़) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां रोहतक, हापुड, बल्लभगढ़, पानीपत, पीथमपुर, बुलन्दशहर, धारूहेड़ा, नंदेसरी, नागपुर, सागर, अंगुल, चित्तूर, फतेहाबाद, मीरा-भायंदर, मांडीखेड़ा, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, कोयंबटूर, कोलकाता, काशीपुर, पंचकुला, तंजावुर, खन्ना, बालासोर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं गाजियाबाद, बहादुरगढ़, गुरूग्राम, मेरठ, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, जालौर, बीकानेर, बागपत, मंडीदीप, मानेसर, मुरादाबाद, चुरू, दमोह, सिंगरौली, टोंक, देवास, पाली, धुले, पिंपरी-चिंचवाड, जैसलमेर, झुंझुनूं, नागौर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 10.8 फीसदी यानी 26 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में कोरबा, मंडी गोबिंदगढ़, मोतिहारी, मुंगेर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवसागर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दूसरी तरह आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जींद, कांचीपुरम, कन्नूर, कारवार, कटिहार, खुर्जा, कोहिमा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 110 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, रतलाम, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, तालचेर, ठाणे , तंजावुर, टोंक, उदयपुर, वाराणसी, वातवा शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जोकि राहत की खबर है। आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें बहादुरगढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हापुड, नोएडा, रोहतक शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 241 में से 26 शहरों (-21.2 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 98 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 13 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था।
110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (261) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया। कल नमक्कल में वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 22 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 211 पर पहुंच गया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज रोहतक चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (251) दूसरे, जबकि बहादुरगढ़ (229) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 139, गाजियाबाद में 261, गुवाहाटी में 58, गुरूग्राम में 216, नोएडा में 251, ग्रेटर नोएडा में 194 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 135 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 121, चेन्नई में 54, चंडीगढ़ में 102, हैदराबाद में 80, जयपुर में 155 और पटना में 129 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 26 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), बागलकोट, बेगूसराय, चामराजनगर, चरखी दादरी, देहरादून, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोरबा, मंडी गोबिंदगढ़, मोतिहारी, मुंगेर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवसागर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, धनबाद, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जींद, कांचीपुरम, कन्नूर, कारवार, कटिहार, खुर्जा, कोहिमा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरसा, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, तुमिडीह, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।