वायु

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से बिगड़े हालात, ग्रेटर नोएडा में 274 पर पहुंचा एक्यूआई

वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 रिकॉर्ड किया गया है

Lalit Maurya

राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 274 तक पहुंच गया है। इसी तरह गाजियाबाद में भी एक्यूआई 271 दर्ज किया गया है।

प्रदूषण के मामले में दिल्ली भी ज्यादा पीछे नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक दस अंकों के उछाल के साथ 234 पर पहुंच गया है। ऐसा ही कुछ हापुड में भी देखा गया जहां एक्यूआई 265 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि कल मुजफ्फरनगर में स्थिति सबसे खराब थी, जहां एक्यूआई 267 तक पहुंच गया था। हालांकि आज वहां सूचकांक 144 रिकॉर्ड किया गया है। ताजा रुझानों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड, धारूहेड़ा, बहादुरगढ़, दिल्ली, भिवाड़ी, मेरठ, मुजफ्फरपुर शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे स्वच्छ है, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर से तुलना करें तो वहां स्थिति 19 गुणा ज्यादा बेहतर है। आंकड़ों के मुताबिक देश में रामनाथपुरम की तरह ही 76 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक आदि शामिल थे। वहीं कल से देखें तो देश में बेहतर साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में 91 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इन शहरों में रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल से इन शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुतबिक देश में फरीदाबाद की तरह ही 70 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है। वहीं कल से इन शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है। इनकी संख्या जस की तस बनी हुई है।

बता दें कि देश में अम्बाला, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, बैरकपुर, बठिंडा, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छाल, चुरू, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनूं, कैथल, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पटियाला, पटना, पूर्णिया, रायचुर, रायरंगपुर, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिवान, टोंक, वृंदावन, यमुनानगर जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के 31 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है। वहीं करीब 37 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है, जबकि 32 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इन शहरों में दिल्ली, भिवाड़ी, मेरठ, मुजफ्फरपुर, मानेसर, बेतिया, हाजीपुर, पटना और सिंगरौली आदि शहर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से 77 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था। 70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (274) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (234) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 10 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 180, गाजियाबाद में 271, गुरुग्राम में 108, नोएडा में 268, ग्रेटर नोएडा में 274 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 67 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 91, चेन्नई में 36, चंडीगढ़ में 107, हैदराबाद में 64, जयपुर में 126 और पटना में 186 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 77 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हुबली, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कारवार, कोल्लम, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर यादगीर शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, बदलापुर, बालासोर, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चंद्रपुर, छपरा, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धौलपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जालौर, जोधपुर, कडपा, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मिलुपारा, मुंबई, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा आदि 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।