वायु

बर्नीहाट-श्रीगंगानगर में प्रदूषण से बिगड़े हालात, छह फीसदी शहरों में चिंताजनक है हवा की स्थिति

Lalit Maurya

भारत में बर्नीहाट और श्रीगंगानगर में प्रदूषण से हालात खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' स्थिति को इंगित कर रहा है। आंकड़ों के मुताबिक जहां बर्नीहाट में एक्यूआई 285 दर्ज किया गया है। वहीं श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता का स्तर 276 पर पहुंच गया है। बता दें कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में अररिया, लुधियाना, हनुमानगढ़, ग्रेटर नोएडा, विजयपुरा, दुर्गापुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और नारनौल शामिल थे।

दूसरी तरफ देश में दावनगेरे की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना दावनगेरे से करें तो वहां वायु गुणवत्ता 15 गुणा खराब है। देश में दावनगेरे की तरह ही 131 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है।

कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसद का इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में झांसी, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 85 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि देश में रोहतक, रूपनगर, सहरसा, सतना, सीकर, सिंगरौली, शिवसागर, सिवान, सोनीपत, सूरत, तुमकुरु, उज्जैन, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 अंक गिरकर 77 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद में भी स्थिति कुछ ऐसी ही बनी हुई है, जहां एक्यूआई 33 अंक लुढ़ककर 91 दर्ज किया गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 33 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है।

देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), चुरू, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, इंफाल, झुंझुनूं, लुधियाना, नारनौल, समस्तीपुर, विजयपुरा, शामिल थे।

कुल मिलकर देखें तो देश में कल के मुकाबले वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। यही वजह है कि देश के 57 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 37 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, जबकि छह फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से 132 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया था। 12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (285) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (77) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 29 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 91, गाजियाबाद में 62, गुरुग्राम में 65, नोएडा में 64, ग्रेटर नोएडा में 135 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 63, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 54, हैदराबाद में 44, जयपुर में 66 और पटना में 70 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 132 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झांसी, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा , ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, कोयंबटूर, दमोह, दिल्ली, देवास, एलूर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मानेसर, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पूर्णिया, राजसमंद, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, सतना, सीकर, सिंगरौली, शिवसागर, सिवान, सोनीपत, सूरत, तुमकुरु, उज्जैन, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।