नोएडा में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो गई है, जहां एक्यूआई 330 तक पहुंच गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है।
वहीं, गंगटोक की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई केवल 25 है।
देश के 246 शहरों में से केवल 4.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 68.3 फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही छह अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 314 तक पहुंच गया।
दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। चिंता की बात है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,900 फीसदी अधिक है।
विश्लेषण से पता चला है कि 08 दिसंबर 2025 को देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 330 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 07 दिसंबर को नोएडा में एक्यूआई 317 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 13 अंकों का उछाल आया है। हालांकि वहां आज भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।
रुझानों में सामने आया है कि नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में गंगटोक की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 25 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नोएडा की तुलना गंगटोक से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा खराब है।
गौरतलब है कि कल देश में थूथुकुडी की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 333 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 173 अंकों के सुधार के साथ थूथुकुडी में एक्यूआई घटकर 160 पर पहुंच गया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही छह अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 314 तक पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। चिंता की बात है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,900 फीसदी अधिक है।
11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 दिसंबर, 2025 को 246 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 27.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 68.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी कल से छह फीसदी से अधिक का उछाल आया है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में कल से 15 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब 27 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया, जोकि चिंता का विषय है।
वहीं देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 203 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बल्लभगढ़ (315) दूसरे जबकि दिल्ली (314) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 309 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर है। धारूहेड़ा-ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 303 और 302 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
बहादुरगढ़ (287) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में बीकानेर (287), सीकर (287) और भिवानी (285) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के दो शहर (बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, बहादुरगढ़, भिवानी) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि नोएडा, बल्लभगढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, बहादुरगढ़, भिवानी, सोनीपत, गुरुग्राम, हाजीपुर, पानीपत, बालासोर, मंडीदीप, आरा, आसनसोल, छपरा, मानेसर, चरखी दादरी, कोलकाता, मुजफ्फरनगर, हल्दिया, बैरकपुर, बुलंदशहर, गुम्मिडीपूंडी, बिहार शरीफ, भिवाड़ी, धुले, बागपत, सांगली, मोतिहारी, मंडी गोबिंदगढ़, अमरावती (आंध्रप्रदेश), तिरुमाला, कटक, नारनौल, पटना, हावड़ा, अररिया, जींद, पुणे, हापुड़, पिंपरी-चिंचवाड़, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, लखनऊ, फरीदाबाद, मुंगेर, बद्दी, मुरादाबाद आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं बीकानेर, सीकर, मेरठ, टोंक, श्री गंगानगर, चूरू, सासाराम, तालचेर, जयपुर, चंद्रपुर, धनबाद, नागौर, सवाई माधोपुर, गया, थूथुकुडी, किशनगंज, झुंझुनू, कल्याण, जैसलमेर, हनुमानगढ़, मालेगांव, गोरखपुर, दौसा, प्रयागराज, जालौर, हिसार, आगरा, चित्तौड़गढ़, पटियाला, भिवंडी, जोधपुर, खन्ना, बरेली, बूंदी, बेलापुर, जालंधर, नवी मुंबई, बदलापुर, फिरोजाबाद, गुवाहाटी, जबलपुर, क्योंझर, सिंगरौली, रतलाम, परभनी, अंकलेश्वर, ठाणे, कैथल, अहमदाबाद, बाड़मेर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।
इन शहरों के विपरीत देश के 4.5 फीसदी यानी महज 11 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, गंगटोक, झांसी, कलबुर्गी, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 67 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, छाल, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, गांधीनगर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलना, कडप्पा, कन्नूर, कानपुर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैंगलोर, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूरु, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रोहतक, सतना, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 110 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाद, मालेगांव, मंडीखेड़ा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, ठाणे, थूथुकुडी, उल्हासनगर, वाराणसी, यादगीर, यमुना नगर शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 52 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अमरावती (आंध्रप्रदेश), अररिया, आरा, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बैरकपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, छपरा, चूरू, कटक, धुले, फरीदाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, जींद, कोलकाता, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नारनौल, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, सांगली, सासाराम, सीकर, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुमाला, टोंक, वेल्लोर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बल्लभगढ़, दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 246 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 67 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 07 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 63 दर्ज किया गया था।
110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज नोएडा (330) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 13 अंकों का उछाल आया है। हालांकि इसके बावजूद नोएडा में अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' बना हुआ है।
गौरतलब है कि कल देश में थूथुकुडी की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 333 तक पहुंच गया था। हालांकि आज हापुड़ की हवा में 173 अंकों का सुधार आया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 314 पर पहुंच गया। दूसरी तरफ फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां चार अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 203 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज एक बार फिर 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 08 दिसंबर को गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं बल्लभगढ़ (315) दूसरे, जबकि दिल्ली (314) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 169, गाजियाबाद में 309, गुवाहाटी में 122, गुरूग्राम में 278, नोएडा में 330, ग्रेटर नोएडा में 302 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 120 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 205, चेन्नई में 108, चंडीगढ़ में 135, हैदराबाद में 96, जयपुर में 195 और पटना में 214 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बेगूसराय, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, गंगटोक, झांसी, कलबुर्गी, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, छाल, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, गांधीनगर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलना, कडप्पा, कन्नूर, कानपुर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैंगलोर, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूरु, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रोहतक, सतना, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
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संकट में सांसें: नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, एक्यूआई 344, दिल्ली में भी हवा ‘बेहद खराब’