दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ देश में आज ओड़िशा के एक शहर ब्रजराजनगर की हवा सबसे प्रदूषित है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 27 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक ब्रजराजनगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 336 दर्ज किया गया है।
यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि वहां की वायु गुणवत्ता बेहद खराब है, जो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल भी ब्रजराजनगर की हवा सबसे ज्यादा दूषित थी, जब एक्यूआई 306 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की वहां कल से प्रदूषण के स्तर में 30 अंकों का इजाफा हुआ है। इस दौरान वहां हवा में ओजोन का स्तर हावी रहा।
प्रदूषण के मामले में आज बाड़मेर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 283 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 191 अंकों के साथ वृंदावन तीसरे, जबकि मेघालय का बर्नीहाट शहर चौथे स्थान पर है, जहां सूचकांक 175 दर्ज किया गया है। इसी तरह राजस्थान के जैसलमेर (170), जालौर (168) और झुंझुनूं (160) पांचवें, छठें और सातवें स्थान पर बने हुए हैं।
इसी तरह झालावाड़, उदयपुर, और जयपुर देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। रुझानों पर नजर डालें तो देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सात राजस्थान के हैं।
देश के सबसे प्रदूषित शहरों में जहां वृंदावन, झुंझुनूं, झालावाड़, दिल्ली और राजसमंद में ओजोन से स्थिति चिंताजनक रही। वहीं बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, उदयपुर, पाली, सिरोही, श्रीगंगानगर, बीकानेर, मंडीदीप, बद्दी, पीथमपुर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बागपत, गुरूग्राम आदि में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे। इसी तरह बर्नीहाट, मंडी गोबिंदगढ़ और भिवाड़ी आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 37 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में देवास, डूंगरपुर, गांधीनगर, गुरूग्राम, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, नोएडा, पाली, पीथमपुर, राजसमंद, सिरोही आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इन शहरों के उलट देश में आज कोयंबटूर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ब्रजराजनगर की तुलना कोयंबटूर से करें तो वहां स्थिति 23 गुणा ज्यादा खराब है।
कोयंबटूर की तरह ही देश के 74 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, धनबाद, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हावेरी, हुबली, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
देश में अलवर सहित 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
इन शहरों में ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शामिल हैं। कल से देखें तो संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दस फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि अच्छी खबर है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश में आज जहां 34 फीसदी से अधिक शहरों की हवा साफ है। वहीं 47 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। इसके विपरीत करीब 19 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 74 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 मई 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था।
38 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ब्रजराजनगर (336) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल भी ब्रजराजनगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 306 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 28 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 133 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं बाड़मेर (283) दूसरे, जबकि वृंदावन (191) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 84, गाजियाबाद में 97, गुवाहाटी में 38, गुरूग्राम में 110, नोएडा में 105, ग्रेटर नोएडा में 86 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 94, चेन्नई में 52, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 65, जयपुर में 149 और पटना में 68 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 74 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, धनबाद, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हावेरी, हुबली, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सहरसा, सांगली, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर, शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बारबिल, बरेली, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, दमोह, दौसा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजगीर, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सोलापुर, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।