प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर आज भी जारी रहा। हालांकि अगरतला आज भी देश में प्रदूषण के मामले में अव्वल है। लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 13 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला की हवा में 98 अंकों का सुधार आया है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिराकर 232 पर पहुंच गया।
224 अंकों के साथ हाजीपुर दूसरे जबकि सिंगरौली तीसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 दर्ज किया गया है। इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 197 दर्ज किया गया है। इसी तरह औरंगाबाद (बिहार) पांचवें जबकि श्री गंगानगर छठे स्थान पर बना हुआ है। इन दोनों शहरों में एक्यूआई 187 रिकॉर्ड किया गया है।
बदलापुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 185 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हनुमानगढ़, मेरठ और बारबिल भी शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ देश में नाहरलगुन की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना नाहरलगुन से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।
नाहरलगुन की तरह ही आज देश के 41 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह देश में आगरा सहित 114 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में ब्यासनगर, बर्नीहाट, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद आदि शहर शामिल हैं।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डाले तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली (135) में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही 62 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झुंझुनूं, कल्याण, कटनी आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश में 19 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 30 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 51 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से 42 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 मई 2025 को यह आंकड़ा 123 दर्ज किया गया था।
63 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (232) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल भी अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 330 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही छह अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 135 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (224) दूसरे, जबकि सिंगरौली (215) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 115, गाजियाबाद में 107, गुवाहाटी में 58, गुरूग्राम में 121, नोएडा में 113, ग्रेटर नोएडा में 112 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 89 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 151, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 134, हैदराबाद में 84, जयपुर में 104 और पटना में 139 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 42 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, हुबली, इंदौर, कलबुर्गी, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नयागढ़, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सतना, शिलांग, सीकर, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।