देश में आज 52 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं पांच फीसदी से भी कम में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह करीब 43 फीसदी शहरों की हवा संतोषजनक बनी हुई है। यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 04 जुलाई 2025 को जारी रुझानों के विश्लेषण में सामने आई है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज देश में एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 8 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बेलापुर की तुलना यदि शिलांग की वायु गुणवत्ता से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा खराब है। कल की बात करें तो देश में धौलपुर (234) की स्थिति सबसे खराब थी। हालांकि आज सरकारी आंकड़ों में धौलपुर का जिक्र नहीं है।
दूसरी तरफ बेलापुर की स्थिति सबसे खराब है, जो 136 अंकों के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह 122 अंकों के साथ मेघालय का बर्नीहाट दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति छपरा की है, जो 115 अंकों के साथ तीसरे पायदान पर है। यह आंकड़ें इस बात का सबूत हैं कि देश में प्रदूषण का जहर बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं। छोटे शहरों में भी यह खतरा बेहद बढ़ गया है।
इन्हीं शहरों की तरह आज गुम्मिडिपूंडी (114) चौथे जबकि इंफाल (111) पांचवें स्थान पर बना हुआ है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (109), दौसा (108), जयपुर (105), तालचेर (105) और करौली (104) भी शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि आज एक भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर खराब या बेहद खराब दर्ज किया गया हो। रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज जहां देश में आज बर्नीहाट सहित अन्य शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं गुम्मिडिपूंडी, बद्दी, दौसा, करौली आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।
अगरतला सहित देश में आज छोटे बड़े 117 शहरों की हवा साफ है।
इन शहरों में अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, हुबली, इंदौर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 97 शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
इन शहरों में ग्वालियर, हाजीपुर, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुजफ्फरनगर, नगांव, नोएडा, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, राउरकेला आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बेलापुर, बर्नीहाट, छपरा, दौसा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, जयपुर, करौली, सिवान, तालचेर शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 57 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 226 में से 118 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 88 दर्ज किया गया था।
11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बेलापुर (136) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया। कल धौलपुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में छह अंकों का उछाल आया है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 78 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुम्मिडिपूंडी चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (122) दूसरे, जबकि छपरा (115) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 58, गाजियाबाद में 71, गुवाहाटी में 41, गुरूग्राम में 66, नोएडा में 75, ग्रेटर नोएडा में 94 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 53, हैदराबाद में 56, जयपुर में 105 और पटना में 60 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 118 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेंसा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुजफ्फरनगर, नगांव, नोएडा, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।