सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

प्रदूषण का लेखा-जोखा: कल से साफ हवा वाले शहरों में आई 22 फीसदी की गिरावट

आज देश में अररिया की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 157 दर्ज किया गया है

Lalit Maurya

देश के कई शहरों में आज प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया। इनमें दिल्ली भी शामिल है। वहीं साफ हवा वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से इन शहरों की गिनती में 22 फीसदी की गिरावट आई है।  

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 17 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां कल देश के करीब 49 फीसदी शहरों में हवा साफ थी, वहीं आज यह आंकड़ घटकर करीब 38 फीसदी रह गया है। वहीं दूसरी तरफ आज देश में नौ फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जबकि 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक दर्ज की गई है।

बता दें कि कल देश में तीन फीसदी से भी शहरों में स्थिति चिंताजनक थी।

रुझानों से पता चला है कि आज देश में अररिया की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 157 दर्ज किया गया है। इस दौरान अररिया की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं। इसी तरह 153 अंकों के साथ श्रीगंगानगर दूसरे जबकि बाड़मेर (129) तीसरे पायदान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति जालौर की है, जहां एक्यूआई 121 रिकॉर्ड किया गया है।

जैसलमेर भी 120 अंकों के साथ आज देश के सबसे प्रदूषित शहरों में पांचवें पायदान पर है। दौसा (119) अंकों के साथ छठे स्थान पर है।

गौरतलब है कि कल प्रदूषण के मामले में दौसा पहले स्थान पर था, जिसमें कल से प्रदूषण में नौ अंकों की गिरावट आई है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कोटा (117), ग्रेटर नोएडा (113), बीकानेर (112) और पाली (112) भी शामिल हैं।

आंकड़ों से पता चला है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आठ राजस्थान के हैं।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज जहां अररिया, पाली, जयपुर, बर्नीहाट आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर, दौसा, कोटा, ग्रेटर नोएडा, बीकानेर, पीथमपुर, उदयपुर, धौलपुर, वापी, डूंगरपुर, सिरोही, तुमिडीह, बांसवाड़ा आदि शहरों की हवा पीएम10 से चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के उलट आज देश में एक बार फिर शिलांग   की हवा सबसे साफ रिकॉर्ड की गई, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि अररिया

की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति दस गुणा खराब है।

शिलांग की तरह ही आज देश के 83 शहरों में हवा साफ दर्ज की गई है। इन शहरों में अंगुल, आसनसोल, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, होसुर, हुबली आदि शामिल हैं।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी सन्तोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, आदि शहर शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में आज 20 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अररिया, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर, बर्नीहाट, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, ग्रेटर नोएडा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, कोटा, पाली, पीथमपुर, सिरोही, श्रीगंगानगर, तुमिडीह, उदयपुर, वापी आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 300 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 221 में से 83 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 16 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।

20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में अररिया (157) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 160 के करीब पहुंच गया। कल दौसा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 128 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 3 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 70 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जालौर चौथे स्थान पर है, वहीं श्रीगंगानगर (153) दूसरे, जबकि बाड़मेर (129) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 60, गाजियाबाद में 85, गुवाहाटी में 72, हापुड में 57, नोएडा में 86, ग्रेटर नोएडा में 113 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 64, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 47, हैदराबाद में 71, जयपुर में 109 और पटना में 54 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 83 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, होसुर, हुबली, जबलपुर, जालंधर, जलना, झांसी, करौली, काशीपुर, कटिहार, किशनगंज, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बारां, बरेली, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।