केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश के 42.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 11.7 फीसदी में प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर है।
ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 दर्ज किया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 296 फीसदी अधिक है।
दिल्ली में मामूली सुधार के बावजूद, वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में है।
आज देश के करीब 43 फीसदी यानी 95 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर आदि शामिल हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 42.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 45.7 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 11.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है। चिंता की बात है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में ग्रेटर नोएडा की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। रुझानों के मुताबिक वहां फिजाओं में घुला जहर इतना है कि वो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 296 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता का स्तर 103 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 76 अंकों का उछाल आया है।
कल देश में बठिंडा की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 166 तक पहुंच गया था, जो आज 34 अंकों के सुधार के साथ घटकर 132 रह गया है। मतलब कि बद्दी में आज भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 8 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 117 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 680 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में मंडी गोबिंदगढ़ (157) दूसरे, जबकि बिलीपाड़ा (189) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 148 अंकों के साथ गुरूग्राम चौथे स्थान पर है। गुम्मिडिपूंडी-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 146 और 143 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बद्दी (141), भिवाड़ी (140), मैहर (136), बिलीपाड़ा (134) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां मंडी गोबिंदगढ़, गुरूग्राम, गुम्मिडिपूंडी, गाजियाबाद, भिवाड़ी, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, कडपा, कोयंबटूर, नोएडा, हाजीपुर, समस्तीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं ग्रेटर नोएडा, बहादुरगढ़, बद्दी, मैहर, बिलीपाड़ा, बठिंडा, धनबाद, बागपत, मेरठ, जालंधर, भरतपुर, हनुमानगढ़, सिरसा, आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इन शहरों के विपरीत आज देश के करीब 43 फीसदी यानी 95 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, ग्वालियर, हल्दिया, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, करौली, करूर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है।
हालांकि आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है। इन शहरों की संख्या 13 फीसदी के इजाफे के साथ बढ़कर 102 पर पहुंच गई है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें जैसलमेर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 26 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, कोयंबटूर, दिल्ली, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जालंधर, कडपा, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रूपनगर, समस्तीपुर, सिरसा शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 24 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से 95 (+9.5 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 29 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 90 दर्ज किया गया था।
26 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (178) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। मतलब कि आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में तीन अंकों का सुधार आया है। वहीं फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 95 रिकॉर्ड किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (157) दूसरे, जबकि बहादुरगढ़ (151) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 49, गाजियाबाद में 143, गुवाहाटी में 72, गुरूग्राम में 148, नोएडा में 113, ग्रेटर नोएडा में 178 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 49 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 87, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 82, हैदराबाद में 70, जयपुर में 64 और पटना में 92 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 95 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र) , औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, ग्वालियर, हल्दिया, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, करौली, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, रतलाम, सागर, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, सोलापुर, ठाणे, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उदयपुर, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, बिहार शरीफ, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सासाराम, सतना, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिवान, श्रीगंगानगर, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, विरार, विशाखापत्तनम आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।