वायु

दिल्ली-फरीदाबाद में बढ़ा प्रदूषण, मुजफ्फरनगर सहित कई शहरों में दमघोंटू हुए हालात

देश के करीब 30 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं आसनसोल, दुर्गापुर, हापुड, और मुजफ्फरनगर में हालात दमघोंटू बने हुए हैं

Lalit Maurya

भारत में वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या बन चुका है, जो सालाना लाखों लोगों को बीमार बना रहा है। वहीं सर्दियों की शुरूआत के साथ ही कई शहरों में स्थिति बद से बदतर होते लगती है, दिल्ली भी उन्हीं शहरों में से एक है।

मौजूदा रुझानों पर नजर डालें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां 14 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 155 पर पहुंच गया। ऐसा ही कुछ फरीदाबाद में भी देखने को मिला, जहां लम्बे समय के बाद वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर पहुंच गई। गौरतलब है कि फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 25 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद एक्यूआई बढ़कर 109 पर पहुंच गया।

ऐसा नहीं की बढ़ते प्रदूषण का जहर सिर्फ दिल्ली-फरीदाबाद जैसे शहरों तक ही सीमित है। कई छोटे शहरों में तो स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। मुजफ्फरनगर में तो आलम यह है कि वहां प्रदूषण का स्तर दूसरे सभी शहरों को पीछे छोड़ 241 तक पहुंच गया।

इसी तरह दुर्गापुर, आसनसोल, और हापुड में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बठिंडा, धारूहेड़ा, पटना, गोरखपुर, बर्नीहाट और गाजियाबाद शामिल रहे।

दूसरी तरफ देश में एक बार फिर पालकलाईपेरुर की हवा सबसे ज्यादा स्वच्छ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मुजफ्फरनगर की तुलना पालकलाईपेरुर से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा ज्यादा खराब है।

गौरतलब है कि देश में पालकलाईपेरुर की तरह ही छोटे-बड़े 73 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, एलूर, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जलगांव, जलना, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के आंकड़ों से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसके साथ ही देश के 103 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, उदयपुर, वाराणसी आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 69 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन शहरों में अमृतसर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बारबिल, बठिंडा, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बिहारशरीफ, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, चुरू, दमोह, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पाली, पटना, पूर्णिया, रायचुर, रतलाम, रूपनगर, सीकर, सिंगरौली, सिवान, टोंक, उज्जैन, यमुनानगर आदि शहर शामिल रहे।

कुल मिलकर देखें तो देश के 29 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं करीब 41 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि देश के करीब 30 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं आसनसोल (224), दुर्गापुर (240), हापुड (201), और मुजफ्फरनगर (241) में हालात दमघोंटू बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से 74 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था। 71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरनगर (241) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (155) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 14 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 109, गाजियाबाद में 177, गुरुग्राम में 120, नोएडा में 136, ग्रेटर नोएडा में 150 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 80, चेन्नई में 30, चंडीगढ़ में 89, हैदराबाद में 55, जयपुर में 117 और पटना में 183 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 71 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बरेली, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, एलूर, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जलगांव, जलना, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अंगुल, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बोईसर, चंडीगढ़, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झांसी, जींद, कैथल, कल्याण, करौली, करनाल, करूर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोलार, कोल्हापुर, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नवी मुंबई, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।