देश में बढ़ते प्रदूषण से अभी राहत नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ छत्तीसगढ के कुंजेमुरा में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 282 दर्ज किया गया है।
प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 250 पर बना हुआ है। अंगुल में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 पर बना हुआ है। वहीं प्रदूषण के मामले में आज बालासोर (225) चौथे, जबकि चरखी दादरी (219) पांचवे स्थान पर है। श्रीगंगानगर में जो कल प्रदूषण में अव्वल था, वहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 रिकॉर्ड किया गया है। इस तरह वो प्रदूषण के मामले में आज छठे स्थान पर रहा।
वहीं बद्दी (210) सातवें, जबकि दिल्ली (208) आठवें स्थान पर रहा। नौवें स्थान पर मौजूद हाजीपुर (205) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली सहित देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। चिंता की बात यह है कि कल से इन शहरों की गिनती में 125 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में मैहर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 27 पर बना हुआ है। ऐसे में यदि गुरूग्राम की तुलना मैहर से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।
मैहर की तरह ही देश के 19 शहरों में हवा साफ बनी हुई है, इन शहरों में हावेरी, हुबली, झांसी, करूर, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम आदि शामिल हैं। कल (24 फरवरी 2025) से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में छह अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके साथ वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 91 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 108 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इनमें सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि शहर शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों की मानें तो देश के छोटे बड़े 95 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चुरू, कटक, दौसा, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर आदि शामिल हैं।
वहीं कल (24 फरवरी 2025) से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के जहां आठ फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। वहीं 45 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह करीब 47 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के 231 में से महज 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 90 दर्ज किया गया।
95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में कुंजेमुरा (282) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल श्रीगंगानगर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 227 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बिगड़कर 208 पर पहुंच गया, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बिगड़कर मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गया है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बालासोर चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (250) दूसरे, जबकि अंगुल (234) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 91, गाजियाबाद में 129, गुरुग्राम में 250, नोएडा में 136, ग्रेटर नोएडा में 182 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 123 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 122, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 123, हैदराबाद में 86, जयपुर में 111 और पटना में 149 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, हावेरी, हुबली, झांसी, करूर, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, शिवसागर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, लातूर, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 108 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।