वायु

दिल्ली-फरीदाबाद के प्रदूषण में लगातार आ रही गिरावट, फरीदाबाद में तो घटकर 24 पर पहुंचा एक्यूआई

Lalit Maurya

राजधानी दिल्ली में भारी बारिश के साथ प्रदूषण का स्तर भी गिरता जा रहा है। कल की तुलना में देखें तो 12 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 52 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी हवा की सेहत बेहतर बनी हुई है, जहां 22 अंकों की गिरावट के साथ एक्यूआई 24 पर पहुंच गया है। इस तरह फरीदाबाद देश के पांच सबसे साफ हवा वाले शहरों में शुमार हो गया है।

गौरतलब है कि देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 16 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता वाले दस शहरों में आरा, बुलन्दशहर, सासाराम, देहरादून, फरीदाबाद, कांचीपुरम, मुरादाबाद, पालकालाइपेरुर, पटियाला शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में जलना की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 168 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि जलना की तुलना शिलांग से करें तो वायु गुणवत्ता की स्थिति दस गुणा खराब है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में श्रीगंगानगर, आसनसोल, कुंजेमुरा, विजयपुरा, हाजीपुर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, मंडी गोबिंदगढ़ और बीकानेर शामिल थे। हालांकि सुकून की बात यह रही कि देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब' नहीं रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक फरीदाबाद की तरह ही 88 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मदिकेरी, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पलवल, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, यमुनानगर आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली की तरह ही देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है, उनमें हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, पंचकुला, पटना आदि शहर शामिल थे।

वहीं कुल की तुलना में इन शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

देश में 22 शहरों की वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में आसनसोल, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बिहारशरीफ, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, दौसा, दुर्गापुर, हाजीपुर, हावड़ा, जैसलमेर, जलना, झांसी, कुंजेमुरा, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, पीथमपुर, रायचुर, श्रीगंगानगर, उदयपुर, विजयपुरा, और विशाखापत्तनम शामिल थे।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 57 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश में आधे से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। वहीं करीब 40 फीसदी शहरों में स्थिति बेहतर बनी हुई है, जबकि करीब दस फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 89 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 117 दर्ज किया गया था। 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में जलना (168) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (52) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 12 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 24, गाजियाबाद में 34, गुरुग्राम में 69, नोएडा में 46, ग्रेटर नोएडा में 45 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 53, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 62, जयपुर में 100 और पटना में 81 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 89 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बठिंडा, बेलगाम, भरतपुर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गडग, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, जबलपुर, जालंधर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, करनाल, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मदिकेरी, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पलवल, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बारां, बारीपदा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर,

भिलाई, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दिल्ली, धारवाड़, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, पंचकुला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थुथुकुडी, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, यादगीर आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।