वायु

भागलपुर, नंदेसरी में प्रदूषण से दमघोंटू हुई हवा, यहां जानिए देश के छोटे-बड़े अन्य शहरों का हाल

Lalit Maurya

देश के दूसरे सभी शहरों को पीछे छोड़ भागलपुर, नंदेसरी में प्रदूषण से हालात खराब हैं, जहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना सकता है। गौरतलब है कि जहां नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 213 दर्ज किया गया है। वहीं भागलपुर में भी एक्यूआई 202 बना हुआ है। दूसरी तरफ एक बार फिर आइजोल में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। यदि नंदेसरी में मौजूद प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो हवा 15 गुणा ज्यादा खराब है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 16 अंकों का उछाल आया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं फरीदाबाद से जुड़े आंकड़े देखें तो प्रदूषण में 70 अंकों का भारी उछाल आया है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 112 पर पहुंच गया है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के 14 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अमृतसर, बठिंडा, भिवाड़ी, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, श्रीगंगानगर, तुमकुरु, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 104 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कमगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा आदि शामिल थे। कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद इन शहरों की संख्या 102 पर बनी हुई है। बता दें कि देश में चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हापुड़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगलौर, मुंबई आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का संतोषजनक बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 223 में से 104 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 108 दर्ज किया गया था। 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (213) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 16 अंक बढ़कर 77 पर पहुंच गया।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 112, गाजियाबाद में 45, गुरुग्राम में 102, नोएडा में 53, ग्रेटर नोएडा में 88 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 48, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 90, हैदराबाद में 54, जयपुर में 54 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 104 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अंबाला, अमरावती, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कमगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोनीपत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तुमिडीह, वापी, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हापुड़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगलौर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, पानीपत, पाथरडीह, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, रायचुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, सहरसा, सतना, सीकर, सिरसा, सोलापुर, तालचेर, थूथुकुडी, तिरुपति, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, यमुनानगर आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।