फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

बक्सर-धनबाद में प्रदूषण से जहरीली हुई हवा, सीकर सहित 11 शहरों में दमघोंटू हैं हालात

देश के 11 अन्य शहरों में हवा दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में बद्दी (227), भरतपुर (227), बीकानेर (232), बर्नीहाट (268), हाजीपुर (221), मंडी गोविंदगढ़ (212), नागौर (218), पटना (202), सीकर (268), सिंगरौली (207) और टेन्सा (251) शामिल रहे

Lalit Maurya

दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ बक्सर, धनबाद में प्रदूषण से हवा जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि जहां बक्सर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 दर्ज किया गया, वहीं धनबाद में यह 351 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि धनबाद में प्रदूषण की स्थिति की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वायु गुणवत्ता 23 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि कल देश की किसी भी हवा में वायु गुणवत्ता का स्तर 300 के पार नहीं था। इसी तरह देश के 11 अन्य शहरों में हवा दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में बद्दी (227), भरतपुर (227), बीकानेर (232), बर्नीहाट (268), हाजीपुर (221), मंडी गोविंदगढ़ (212), नागौर (218), पटना (202), सीकर (268), सिंगरौली (207) और टेन्सा (251) शामिल रहे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इसी तरह देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'मध्यम' बना हुआ है। कल से तुलना करें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छपरा, चूरू, दौसा, देहरादून, दिल्ली, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोटा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नयागढ़, नोएडा, पाली, पानीपत, पटियाला, रायचुर, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, आदि शामिल थे।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में नौ अंकों की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक 171 पर बना हुआ है। दूसरी तरफ फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में मामूली गिरावट आई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक दो अंकों के इजाफे के साथ बढ़कर 170 पर पहुंच गया है। मतलब की कमोबेश स्थिति दिल्ली जैसी ही है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 39 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहतर' दर्ज किया गया है।

कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में भी मामूली गिरावट आई है। हालांकि आइजोल, अनंतपुर, अरियालुर, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्काबल्लापुर,
चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इसी तरह देश के 95 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि अभी भी अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बैरकपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, कटक, धारूहेड़ा, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, आदि शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है। कुल मिलकर देखें तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 227 में से 39 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 जून 2024 यह आंकड़ा 100 दर्ज किया गया था।

80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 11 शहरों बद्दी, भरतपुर, बीकानेर, बर्नीहाट, हाजीपुर, मंडी गोविंदगढ़, नागौर, पटना, सीकर, सिंगरौली, टेन्सा में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में धनबाद (351) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स नौ अंक गिरकर 171 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 144, गुरुग्राम में 95, नोएडा में 156, ग्रेटर नोएडा में 185 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 114, चेन्नई में 97, चंडीगढ़ में 133, हैदराबाद में 63, जयपुर में 150 और पटना में 202 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

बरेली (42) सहित देश के जिन 39 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 43, अनंतपुर 46, अरियालुर 31, बेलापुर 46, बेलगाम 42, बेंगलुरु 44, चामराजनगर 48, चंद्रपुर 50, चिक्काबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 35, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 26, दावनगेरे 21, देवास 50, धारवाड़ 38, गडग 43, गंगटोक 46, जलना 39, कलबुर्गी 32, कोलार 28, कोप्पल 44, मदिकेरी 35, महाद 39, मंगलौर 48, मीरा-भयंदर 34, मुंबई 48, मैसूरु 31, राजमहेंद्रवरम 41, रामनगर 29, रामनाथपुरम 15, सांगली 49, शिवमोगा 50, सिलचर 50, तिरुवनंतपुरम 40, तिरुपति 37, वापी 46, विजयपुरा 42, और यादगीर 27 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बैरकपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, कटक, धारूहेड़ा, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जींद, कल्याण, कन्नूर, करनाल, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मंडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, नागांव, नागपुर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, परभनी , पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, त्रिशूर, तुमकुरु, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, आदि 95 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।