फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट 
वायु

मोतिहारी में प्रदूषण से दमघोंटू हुई हवा, दिल्ली-फरीदाबाद में भी कल से बिगड़े हालात

Lalit Maurya

देश के सभी शहरों को पीछे छोड़ मोतिहारी में हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां हवा में घुला जहर 288 पर पहुंच गया है। इसी तरह मंडी गोविंदगढ़ में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 228 पर बना हुआ है। इन दोनों ही शहरों में हवा लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं दूसरी तरफ नाहरलागुन में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है। यदि मोतिहारी की वायु गुणवत्ता की तुलना नाहरलागुन से करने तो प्रदूषण का स्तर 19 गुणा ज्यादा है।

इसी तरह कल की तुलना में देखें तो दिल्ली की हवा भी खराब हुई है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 13 अंकों का इजाफा हुआ है। दिल्ली की तरह ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता कल से खराब हुई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 अंकों के इजाफे के हाथ 200 के करीब पहुंच गया है। हालांकि इन दोनों ही शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है।

दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही देश के 20 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'मध्यम' बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भरतपुर, भिवानी, ब्रजराजनगर, बक्सर, चरखी दादरी, दौसा, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, खुर्जा, राजसमंद, रूपनगर, श्री गंगानगर, तुमकुरु, विशाखापत्तनम शामिल थे। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब दस फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश के 110 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, छाल, छपरा, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चूरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाद, मैहर, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मैसूरु, नागांव, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पाली, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल से करीब आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इन शहरों में हापुड़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनू, जींद, कडपा, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, कटिहार, खन्ना, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मानेसर, मेरठ, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पुदुचेरी, रायचुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, ठाणे, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, शामिल रहे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से 110 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया था। 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोविंदगढ़ (228) और मोतिहारी (288) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 13 अंक गिरकर 118 पर पहुंच गया।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 191, गाजियाबाद में 111, गुरुग्राम में 116, नोएडा में 96, ग्रेटर नोएडा में 126 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 50, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 92, जयपुर में 71 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 110 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अकोला, अमरावती, अरियालुर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, छाल, छपरा, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चूरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाद, मैहर, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मैसूरु, नागांव, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पाली, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सुआकाती, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उडुपी, वापी, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, यादगीर, शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बागपत, बालासोर, बारीपाड़ा, बैरकपुर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, कटक, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनू, जींद, कडपा, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, कटिहार, खन्ना, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मानेसर, मेरठ, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पुदुचेरी, रायचुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, ठाणे, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, यमुना नगर, आदि 96 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है, जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।