लगातार तीसरे दिन देश में विशाखापत्तनम सबसे प्रदूषित शहर रहा, हालांकि एक्यूआई 311 से घटकर 283 पर आया।
डब्ल्यूएचओ मानकों के मुताबिक विशाखापत्तनम की हवा सुरक्षित सीमा से 529 फीसदी ज्यादा प्रदूषित है।
ग्रेटर नोएडा (201) दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि बद्दी (147) और नंदेसरी (144) तीसरे-चौथे स्थान पर रहे।
मदिकेरी देश का सबसे स्वच्छ शहर रहा, जहां एक्यूआई मात्र 11 दर्ज किया गया, यानी विशाखापत्तनम से 25 गुना साफ।
देश के 92 शहरों में हवा साफ, जबकि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही।
14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी (101-200) में दर्ज हुई, जिनमें दिल्ली भी शामिल।
विशाखापत्तनम और अन्य प्रदूषित शहरों में पीएम10 हावी रहा, जबकि नंदेसरी और दिल्ली जैसे शहरों में पीएम2.5 का दबदबा रहा।
साफ हवा वाले शहरों की संख्या कल की तुलना में 6 फीसदी बढ़ी, लेकिन मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 27 फीसदी बढ़ी।
आज लगातार तीसरे दिन देश में बढ़ते प्रदूषण से विशाखापत्तनम की स्थिति सबसे खराब है। हालांकि आज वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 283 पर पहुंच गया। मतलब कि वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। हालांकि अभी भी विशाखापत्तनम की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। बता दें कि इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) पूरी तरह हावी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो विशाखापत्तनम में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 529 फीसदी अधिक है। बता दें कि कल विशाखापत्तनम में एक्यूआई 311 रिकॉर्ड किया गया था। तबसे वहां प्रदूषण के स्तर में 28 अंकों की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 41.4 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 51.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 7.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है।
हालांकि कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 6 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि चिंता की बात है कि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 27.3 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर विशाखापत्तनम की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 25 गुणा खराब है।
इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 201 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब की वहां भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इसी तरह बद्दी (147) तीसरे, जबकि नंदेसरी (144) चौथे स्थान पर है। वहीं बुलन्दशहर और नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 रिकॉर्ड किया गया।
इसी तरह 133 अंकों के साथ प्रदूषित शहरों में बांसवाड़ा सातवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज गाजियाबाद (132), अहमदनगर (123) और चित्तूर (119) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज नंदेसरी, चित्तूर, बिहार शरीफ, दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं विशाखापत्तनम, ग्रेटर नोएडा, बद्दी, बुलन्दशहर, नोएडा, बांसवाड़ा, गाजियाबाद, अहमदनगर, हापुड, झांसी, सागर, टोंक आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इन शहरों के विपरीत आज देश में अजमेर सहित 92 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, जैसलमेर, जोधपुर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर आदि शहर शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 114 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम आदि शामिल हैं।
हालांकि साफ हवा वाले शहरों के उलट आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
इन शहरों के उलट आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है। इन शहरों में दिल्ली सहित अहमदनगर, बद्दी, बांसवाड़ा, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, चित्तूर, गाजियाबाद, हापुड, झांसी, नंदेसरी, नोएडा, सागर, टोंक शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि आज देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 27 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से 92 (+5.7 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 114 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 14 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 123 दर्ज किया गया था।
14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में विशाखापत्तनम (283) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक चार अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 112 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नंदेसरी चौथे स्थान पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा (201) दूसरे, जबकि बद्दी (147) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 67, गाजियाबाद में 132, गुवाहाटी में 38, गुरूग्राम में 76, नोएडा में 134, ग्रेटर नोएडा में 201 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 49 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 61, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 51, हैदराबाद में 65, जयपुर में 80 और पटना में 79 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 92 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बैरकपुर, बठिंडा, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, जैसलमेर, जोधपुर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विरार शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, एलूर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सलेम, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।