दिल्ली और जींद में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां एक्यूआई 418 तक पहुंच गया है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 800 फीसदी अधिक है, जिससे गैस-चैम्बर जैसी स्थिति बन गई है।
वहीं, जींद में भी प्रदूषण में 42 अंकों का उछाल आया है, जो चिंता का विषय है।
दूसरी तरफ देश में श्री विजया पुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना श्री विजया पुरम से करें तो वहां स्थिति 27 गुणा खराब है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 274 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में जींद (418) दूसरे जबकि नोएडा (408) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 406 अंकों के साथ रोहतक चौथे स्थान पर है।
फतेहाबाद-ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 397 और 387 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
सिरसा (379) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में खुर्जा (378), सोनीपत (372) और गाजियाबाद (362) भी शामिल हैं।
आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (जींद, रोहतक, फतेहाबाद, सिरसा और सोनीपत) और उत्तर प्रदेश के चार शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, गाजियाबाद) शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में दिल्ली और जींद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 418 रिकॉर्ड किया गया है। गौरतलब है कि 11 नवंबर दिल्ली के लिए साल का सबसे प्रदूषित दिन रहा, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।
मतलब कि दिल्ली में गैस-चैम्बर जैसे हालत बन चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। हालांकि कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 10 अंकों का सुधार आया है।
रुझानों में सामने आया है कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
दिल्ली में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 800 फीसदी अधिक है। दिल्ली की तरह ही आज जींद में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 रिकॉर्ड किया गया। कल जींद में एक्यूआई 376 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 42 अंकों का उछाल आया है। डब्ल्यूएचओ मानकों के लिहाज से देखें तो जींद में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में श्री विजया पुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना श्री विजया पुरम से करें तो वहां स्थिति 27 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 नवंबर, 2025 को 249 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
करीब 27.7 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 69.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 27.3 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो कल से उनकी गिनती में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में नौ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता की खबर है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 274 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में जींद (418) दूसरे जबकि नोएडा (408) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 406 अंकों के साथ रोहतक चौथे स्थान पर है। फतेहाबाद-ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 397 और 387 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
सिरसा (379) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में खुर्जा (378), सोनीपत (372) और गाजियाबाद (362) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (जींद, रोहतक, फतेहाबाद, सिरसा और सोनीपत) और उत्तर प्रदेश के चार शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, गाजियाबाद) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि जहां जींद, नोएडा, रोहतक, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, सिरसा, सोनीपत, हापुड, गुरूग्राम, भिवानी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, हनुमानगढ़, कैथल, मंडी गोबिंदगढ़, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, कटक, मंडीदीप, पानीपत, मानेसर, अंगुल, वापी, नारनौल, धौलपुर, ग्वालियर, तालचेर, कटनी, गुम्मिडिपूंडी, हावड़ा, मुजफ्फरनगर, कानपुर, पलवल, बालासोर, कोलकाता, विशाखापत्तनम, बठिंडा, अम्बाला, बारबिल, हल्दिया, हाजीपुर, तिरुमाला आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं दिल्ली, खुर्जा, गाजियाबाद, मेरठ, हिसार, चुरू, प्रयागराज, सीकर, नागौर, जयपुर, झुंझुनूं, लखनऊ, आगरा, सांगली, अहमदाबाद, धुले, टोंक, दौसा, जबलपुर, चंद्रपुर, डिंडीगुल, भीलवाड़ा, रतलाम, पीथमपुर, राउरकेला, भोपाल, वृंदावन, अमरावती (महाराष्ट्र), जोधपुर, छपरा, गांधीनगर, जालौर, जैसलमेर, सिंगरौली, नासिक, सवाई धोपुर, भरतपुर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 3.2 फीसदी यानी महज आठ शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में आरा, चामराजनगर, गडग, नगांव, पालकालाइपेरुर, शिलांग, श्री विजया पुरम, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 27 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 123 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अम्बाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, हाजीपुर, हल्दिया, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, करनाल, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 3.9 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 31 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अंगुल, बालासोर, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, छाल, चुरू, कटक, धारूहेड़ा, धौलपुर, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, कैथल, कानपुर, कटनी, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नारनौल, पलवल, पानीपत, प्रयागराज, सीकर, श्रीगंगानगर, तालचेर, वापी शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, खुर्जा, मेरठ, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं। वहीं चार शहरों दिल्ली (418), जींद (418), नोएडा (408), रोहतक (406) में स्थिति गंभीर है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 249 में से महज आठ शहरों (-27.3) में हवा 'बेहतर' है। 69 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 11 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 64 दर्ज किया गया था।
123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज दिल्ली और जींद (418) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल दिल्ली में सूचकांक 428 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में 10 अंकों की गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।
वहीं कल जींद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 376 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 42 अंकों का उछाल आया है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां 24 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 274 रिकॉर्ड किया गया।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 12 नवंबर को ग्रेटर रोहतक चौथे स्थान पर है, वहीं जींद (418) दूसरे, जबकि नोएडा (408) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 217, गाजियाबाद में 362, गुवाहाटी में 94, गुरूग्राम में 350, नोएडा में 408, ग्रेटर नोएडा में 387 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 194, चेन्नई में 138, चंडीगढ़ में 77, हैदराबाद में 95, जयपुर में 198 और पटना में 170 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आरा, चामराजनगर, गडग, नगांव, पालकालाइपेरुर, शिलांग, श्री विजया पुरम, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, एलूर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 69 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं: गैस चैम्बर में तब्दील दिल्ली, एनसीआर में स्थिति 'गंभीर'