केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के कई शहरों में प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। इन शहरों में दिल्ली-फरीदाबाद भी शामिल हैं।
वहीं देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों पर खरी है।
शिलांग की तरह ही देश के 10.5 फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। मतलब कि हुबली, झांसी, मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम आदि 24 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' है। अच्छी खबर यह है कि कल (22 फरवरी 2025) से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ मेघालय के एक शहर बर्नीहाट में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 246 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बर्नीहाट की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है।
बर्नीहाट की तरह ही देश के चार अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में मंडीदीप (230), सहरसा (215), श्रीगंगानगर (217) और वातवा (221) शामिल हैं। हालांकि राहत की बात यह रही कि कल (22 फरवरी 2025) से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 55 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक अगरतला सहित देश के 106 यानी 46 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में फरीदाबाद भी शामिल हैं, जहां कल से प्रदूषण में आठ अंकों की गिरावट आई है।
इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 78 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के जिन 106 शहरों में हवा संतोषजनक है, उनमें ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तालचेर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के 10.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 43 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के 46 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में 11 अंकों की गिरावट आई है, जिसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 144 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 94 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है। इन शहरों में भोपाल, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बक्सर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, दावनगेरे, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर आदि शामिल हैं। कल (22 फरवरी 2025) से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के 229 में से महज 24 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया।
94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में मेघालय के बर्नीहाट (246) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। वहीं कल सासाराम में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 292 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 11 अंकों की गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 144 पर पहुंच गया, दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज श्रीगंगानगर चौथे स्थान पर है, वहीं मंडीदीप (230) दूसरे, जबकि वातवा (221) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 78, गाजियाबाद में 95, गुरुग्राम में 116, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 90 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 120 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 110, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 95, हैदराबाद में 103, जयपुर में 102 और पटना में 191 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 24 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, बरेली, बठिंडा, भिलाई, चामराजनगर, कुड्डालोर, दमोह, फिरोजाबाद, हुबली, झांसी, मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिलांग, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हापुड, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तालचेर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।