वायु

दिल्ली-फरीदाबाद में घटा प्रदूषण, साफ हवा वाले शहरों में हुआ 40 फीसदी का इजाफा

दूसरी तरफ एक बार फिर बिहार के हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 रिकॉर्ड किया गया

Lalit Maurya

देश में कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के छह फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में तिरुनेलवेली की स्थिति बेहतर, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 रिकॉर्ड किया गया है। तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 13 अन्य शहरों की हवा साफ है।

इन शहरों में झांसी, कांचीपुरम, करूर, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर बिहार के हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद भी ज्यादा पीछे नहीं है, जहां एक्यूआई 288 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं 236 अंकों के साथ अहमदनगर देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

कमबेश ऐसी ही कुछ स्थिति कुंजेमुरा (227) और सासाराम (224) की भी है, जहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। 

इसी तरह प्रदूषण के मामले में गुवाहाटी छठे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 220 रिकॉर्ड किया गया। रुझानों के मुताबिक देश में पूर्णिया, राउरकेला और पटना में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। यह सभी शहर भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में गुरूग्राम और वातवा भी शामिल हैं।

कल (09 मार्च 2025) से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 42 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि देश की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति नौ गुना ज्यादा खराब है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जिसके साथ ही वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है।

दिल्ली सहित देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रतलाम, रूपनगर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सूरत, ठाणे आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां चार अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता 91 पर पहुंच गई। फरीदाबाद की तरह ही देश के 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' बनी हुई है।

इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, नगांव, नांदेड़, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के छह फीसदी से भी ज्यादा शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 48 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। यह भी पता चला है कि देश के करीब 46 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से महज 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया।

94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (289) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 290 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 294 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 12 अंकों की गिरावट के साथ 197 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर एक बार फिर ‘खराब’ से 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज कुंजेमुरा चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (288) दूसरे, जबकि अहमदनगर (236) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 91, गाजियाबाद में 288, गुरुग्राम में 204, नोएडा में 120, ग्रेटर नोएडा में 112 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 117 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 159, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 123, हैदराबाद में 87, जयपुर में 94 और पटना में 209 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, बरेली, दमोह, झांसी, कांचीपुरम, करूर, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, श्री विजया पुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, बालासोर, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हापुड, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, नगांव, नांदेड़, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के छह फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में तिरुनेलवेली की स्थिति बेहतर, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 रिकॉर्ड किया गया है। तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 13 अन्य शहरों की हवा साफ है।

इन शहरों में झांसी, कांचीपुरम, करूर, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर बिहार के हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद भी ज्यादा पीछे नहीं है, जहां एक्यूआई 288 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं 236 अंकों के साथ अहमदनगर देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

कमबेश ऐसी ही कुछ स्थिति कुंजेमुरा (227) और सासाराम (224) की भी है, जहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। 

इसी तरह प्रदूषण के मामले में गुवाहाटी छठे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 220 रिकॉर्ड किया गया। रुझानों के मुताबिक देश में पूर्णिया, राउरकेला और पटना में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। यह सभी शहर भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में गुरूग्राम और वातवा भी शामिल हैं।

कल (09 मार्च 2025) से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 42 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि देश की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति नौ गुना ज्यादा खराब है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जिसके साथ ही वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है।

दिल्ली सहित देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रतलाम, रूपनगर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सूरत, ठाणे आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां चार अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता 91 पर पहुंच गई। फरीदाबाद की तरह ही देश के 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' बनी हुई है।

इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, नगांव, नांदेड़, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के छह फीसदी से भी ज्यादा शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 48 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। यह भी पता चला है कि देश के करीब 46 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से महज 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया।

94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (289) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 290 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 294 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 12 अंकों की गिरावट के साथ 197 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर एक बार फिर ‘खराब’ से 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज कुंजेमुरा चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (288) दूसरे, जबकि अहमदनगर (236) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 91, गाजियाबाद में 288, गुरुग्राम में 204, नोएडा में 120, ग्रेटर नोएडा में 112 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 117 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 159, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 123, हैदराबाद में 87, जयपुर में 94 और पटना में 209 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, बरेली, दमोह, झांसी, कांचीपुरम, करूर, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, श्री विजया पुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, बालासोर, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हापुड, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, नगांव, नांदेड़, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।