दिल्ली में इस महीने प्रदूषण घटने का नाम ही नहीं ले रहा। हालात यह है कि दीवाली के सात दिन बाद भी प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। यदि पिछले 24 घंटों के लिए जारी सरकारी रुझान पर नजर डालें तो दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 25 अंकों के उछाल के साथ 400 के करीब पहुंच गया। मतलब की दिल्ली की हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।
दिल्ली की तरह ही देश के चार अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब बना हुआ है। इन शहरों में मंडीदीप (329), हापुड (320), गाजियाबाद (316) और गुरूग्राम (302) शमिल हैं।
इसी तरह ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे-बड़े 47 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में दिल्ली का पड़ोसी शहर फरीदाबाद भी शामिल हैं, जहां कल से वायु गुणवत्ता में 20 अंकों का उछाल आया है। इसके बाद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 257 तक पहुंच गया।
बता दें कि देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है, उनमें अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चुरू, फरीदाबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, जयपुर, जींद, कैथल, कोटा, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, पंचकुला, पटना, पीथमपुर, रतलाम, रोहतक, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोनीपत, श्रीगंगानगर, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ देश के 19 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, गंगटोक, कलबुर्गी आदि शामिल हैं। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
बता दें कि देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 29 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली से तुलना करें तो आइजोल में स्थिति 12 गुणा बेहतर है।
इसी तरह आंकड़ों के मुताबिक देश के 54 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हसन, हुबली, कडपा, करूर, कारवार, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकलाईपेरुर आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे-बड़े 136 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायरंगपुर, राजगीर, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के सात फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इसी तरह करीब 21 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ देश के 72 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 261 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 54 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 48 दर्ज किया गया था। 136 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (377) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल हनुमानगढ़ में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 396 तक पहुंच गया था। गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में 25 अंकों का इजाफा हुआ है। मतलब की हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 257, गाजियाबाद में 316, गुरुग्राम में 302, नोएडा में 278, ग्रेटर नोएडा में 288 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 137 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 155, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 290, हैदराबाद में 104, जयपुर में 256 और पटना में 232 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, गंगटोक, कलबुर्गी, कोप्पल, मंगलौर, नगांव, नलबाड़ी, पुदुचेरी, शिलांग, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा रहे।
वहीं अमरावती, अनंतपुर, आरा, बेलगाम, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, दमोह, धारवाड़, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, कडपा, करूर, कारवार, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 54 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।