भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

दिल्ली में फिर आपात स्थिति में पहुंचा प्रदूषण, खराब हवा वाले शहरों में भी हुआ 37 फीसदी का इजाफा

प्रदूषण से सिर्फ दिल्ली ही नहीं जींद, बहादुरगढ़, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, पानीपत आदि 17 शहरों में स्थिति ‘बेहद खराब’ है

Lalit Maurya

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण घटना के नाम ही नहीं ले रहा आज फिर वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली में हवा इस कदर जहरीली हो चुकी है कि यहां लोगों का सांस लेना तक दुश्वार हो गया है।

कल से 21 अंकों के आए उछाल के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर 417 पर पहुंच गया है। बढ़ते प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए सरकार ने कई उपाय किए हैं, इन उपायों के तहत ग्रैप-3 लागू कर दिया है। दिल्ली सरकार ने पांचवीं तक के स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। साथ ही शहर में वाहनों, निर्माण और अन्य प्रदूषण बढ़ाने वाले गतिविधियों पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।

बढ़ते प्रदूषण से सिर्फ दिल्ली ही नहीं कई छोटे बड़े अन्य शहरों में भी स्थिति बेहद खराब है। आंकड़ों के मुताबिक 17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता 300 से 400 के बीच है।

प्रदूषण के मामले में जींद (394), बहादुरगढ़ (388), मुजफ्फरनगर (383), गाजियाबाद (363) और पानीपत (350) में स्थिति सबसे खराब है। इसी तरह हापुड, मेरठ, अमृतसर, रोहतक, हाजीपुर, नोएडा, भिवानी, सोनीपत, गुरूग्राम, कैथल, बागपत, दुर्गापुर में हालात 'बेहद खराब' हैं।

हालांकि राहत की बात यह रही की कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 23 फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली के कई आसपास के शहरों में भी हवा 'खराब' है इन शहरों में फरीदाबाद भी शामिल है, जहां कल से एक्यूआई में 29 अंकों की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद वहां प्रदूषण का स्तर 'खराब' बना हुआ है। बता दें कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 दर्ज किया गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 59 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अम्बाला, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बल्लभगढ़, बारां, बैरकपुर, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, देहरादून, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, हावड़ा, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, करनाल, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पलवल, परभनी, पटियाला, पटना, राजगीर, सहरसा, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, तालचेर, टोंक, उज्जैन, उल्हासनगर, विरार, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि  शहर शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 37 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 34 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में मदिकेरी की तरह ही 36 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में हसन, करूर, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश के 42 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मंगलौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सांगली, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, वाराणसी आदि शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 107 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, छाल, छपरा, कटक, दौसा, देवास, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तुमकुरु, उदयपुर, वापी, वातवा, वृंदावन आदि शामिल हैं।

कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि करीब 16 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 70 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 263 में से 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 42 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 नवंबर 2024 को भी यह आंकड़ा 42 दर्ज किया गया था। 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (417) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया है। हालांकि कल दिल्ली में हवा बेहद खराब थी। जब एक्यूआई 396 दर्ज किया गया था। इसका मतलब है कि कल से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में 21 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद आज वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया। मतलब की इस महीने में लगातार 16 दिन से हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 255, गाजियाबाद में 363, गुरुग्राम में 320, नोएडा में 328, ग्रेटर नोएडा में 287 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 154 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 265, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 277, हैदराबाद में 109, जयपुर में 188 और पटना में 248 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, हसन, करूर, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अलवर, आरा, बारबिल, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, दमोह, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, हावेरी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मंगलौर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सांगली, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, वाराणसी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 42 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।