बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

मानकों से 455 फीसदी अधिक प्रदूषण, गुरुग्राम में 333 पर पहुंचा एक्यूआई

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां आधे से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब आठ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं

Lalit Maurya

देश में बढ़ते प्रदूषण से गुरुग्राम की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 333 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 19 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि इस दौरान गुरुग्राम की हवा में ओजोन हावी था। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो गुरुग्राम में प्रदूषण 455 फीसदी अधिक है।

वहीं प्रदूषण के मामले में राजस्थान का बूंदी दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 280 दर्ज किया गया। इस दौरान वहां हवा में पीएम2.5 का स्तर अधिक था। इसी तरह 217 अंकों के साथ सूरत तीसरे स्थान पर है। बता दें कि आज जहां देश के दो शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। वहीं कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां वायु गुणवत्ता खराब हो।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरुग्राम की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा खराब है।

हालांकि शिलॉन्ग के विपरीत देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में टोंक (170) चौथे जबकि बद्दी (141) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह 137 अंकों के साथ विशाखापत्तनम छठे स्थान पर है। बाड़मेर में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जो 135 अंकों के साथ आज देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ (126), करौली (122) और श्रीगंगानगर (118) भी शामिल हैं।

शिलांग की तरह ही आज देश के 110 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो हालांकि कल से प्रदूषण में आठ अंकों का इजाफा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बाड़मेर, इंफाल, जैसलमेर, करौली, खन्ना, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, श्रीगंगानगर, तालचेर, टोंक, उदयपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 133 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां आधे से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 42 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के करीब आठ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से 111 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 जून 2025 को यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था।

14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (333) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल जालौर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 354 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में आठ अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 89 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज टोंक चौथे स्थान पर है, वहीं बूंदी (280) दूसरे, जबकि सूरत (217) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 46, गाजियाबाद में 87, गुवाहाटी में 94, गुरूग्राम में 333, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 82 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 71, हैदराबाद में 64, जयपुर में 64 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 111 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, सांगली, सासाराम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तुमकुरु, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में बढ़ते प्रदूषण से गुरुग्राम की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 333 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 19 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि इस दौरान गुरुग्राम की हवा में ओजोन हावी था। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो गुरुग्राम में प्रदूषण 455 फीसदी अधिक है।

वहीं प्रदूषण के मामले में राजस्थान का बूंदी दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 280 दर्ज किया गया। इस दौरान वहां हवा में पीएम2.5 का स्तर अधिक था। इसी तरह 217 अंकों के साथ सूरत तीसरे स्थान पर है। बता दें कि आज जहां देश के दो शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। वहीं कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां वायु गुणवत्ता खराब हो।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरुग्राम की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा खराब है।

हालांकि शिलॉन्ग के विपरीत देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में टोंक (170) चौथे जबकि बद्दी (141) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह 137 अंकों के साथ विशाखापत्तनम छठे स्थान पर है। बाड़मेर में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जो 135 अंकों के साथ आज देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ (126), करौली (122) और श्रीगंगानगर (118) भी शामिल हैं।

शिलांग की तरह ही आज देश के 110 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो हालांकि कल से प्रदूषण में आठ अंकों का इजाफा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बाड़मेर, इंफाल, जैसलमेर, करौली, खन्ना, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, श्रीगंगानगर, तालचेर, टोंक, उदयपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 133 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां आधे से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 42 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के करीब आठ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से 111 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 जून 2025 को यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था।

14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (333) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल जालौर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 354 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में आठ अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 89 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज टोंक चौथे स्थान पर है, वहीं बूंदी (280) दूसरे, जबकि सूरत (217) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 46, गाजियाबाद में 87, गुवाहाटी में 94, गुरूग्राम में 333, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 82 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 71, हैदराबाद में 64, जयपुर में 64 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 111 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, सांगली, सासाराम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तुमकुरु, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।