दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से लगातार दूसरे दिन हवा जानलेवा रही। प्रदूषण का आलम ऐसा कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया। ऐसा लगता है कि दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में कल वायु गुणवत्ता सूचकांक 433 रिकॉर्ड किया गया था, जो आज 12 अंकों के उछाल के साथ 445 पर पहुंच गया। ऐसे में यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो दिल्ली में हवा करीब 30 गुना ज्यादा प्रदूषित है।
प्रदूषण के मामले में दिल्ली के आसपास के शहर भी ज्यादा पीछे नहीं हैं। सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की बात करें तो गुरूग्राम दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 400 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह गाजियाबाद में भी सूचकांक 375 पर बना हुआ है।
कुछ ऐसी ही स्थिति नोएडा (359) और रोहतक (334) में भी बनी हुई है। इसी तरह देश के जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है, उन शहरों में तालचेर, ग्रेटर नोएडा, श्री गंगानगर, झुंझुनूं, खुर्जा, दुर्गापुर, टोंक, सासाराम, कोटा, कैथल, ग्वालियर, सोनीपत शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 88 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 25 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां वायु गुणवत्ता 17 गुणा ज्यादा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 14 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
इन शहरों में चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गंगटोक, हावेरी, कांचीपुरम, काशीपुर, कोल्लम, मदिकेरी आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट जरूर आई है, इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि फरीदाबाद में दो अंकों की गिरावट के साथ एक्यूआई घटकर 263 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 48 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बल्लभगढ़, बारां, बैरकपुर, बेगूसराय, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, करनाल, कटनी, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मानेसर, मेरठ, नागौर, नांदेड़, पाली, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, राउरकेला, सीकर, सिंगरौली, वापी, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 127 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धुले, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, यमुनानगर शामिल हैं।
हालांकि कल से तुलना करें तो देश में मध्यम हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी की गिरावट आई है।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में 'संतोषजनक' हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 43 पर पहुंच गई। देश में जिन शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है, उनमें पुदुचेरी, रामनगर, ऋषिकेश, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, विजयवाड़ा आदि शहर शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में करीब छह फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ छोटे बड़े 77 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 17 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से महज 15 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 43 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 दिसंबर को यह आंकड़ा 39 दर्ज किया गया था।
127 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (445) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 433 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 12 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज भी गंभीर बना हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (400) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (375) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 263, गाजियाबाद में 375, गुरुग्राम में 400, नोएडा में 359, ग्रेटर नोएडा में 326 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 199 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 230, चेन्नई में 120, चंडीगढ़ में 267, हैदराबाद में 111, जयपुर में 283 और पटना में 226 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गंगटोक, हावेरी, कांचीपुरम, काशीपुर, कोल्लम, मदिकेरी, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अमरावती, अनंतपुर, आरा, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, धारवाड़, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोरबा, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, ऋषिकेश, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर आदि 43 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से लगातार दूसरे दिन हवा जानलेवा रही। प्रदूषण का आलम ऐसा कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया। ऐसा लगता है कि दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में कल वायु गुणवत्ता सूचकांक 433 रिकॉर्ड किया गया था, जो आज 12 अंकों के उछाल के साथ 445 पर पहुंच गया। ऐसे में यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो दिल्ली में हवा करीब 30 गुना ज्यादा प्रदूषित है।
प्रदूषण के मामले में दिल्ली के आसपास के शहर भी ज्यादा पीछे नहीं हैं। सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की बात करें तो गुरूग्राम दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 400 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह गाजियाबाद में भी सूचकांक 375 पर बना हुआ है।
कुछ ऐसी ही स्थिति नोएडा (359) और रोहतक (334) में भी बनी हुई है। इसी तरह देश के जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है, उन शहरों में तालचेर, ग्रेटर नोएडा, श्री गंगानगर, झुंझुनूं, खुर्जा, दुर्गापुर, टोंक, सासाराम, कोटा, कैथल, ग्वालियर, सोनीपत शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 88 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 25 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां वायु गुणवत्ता 17 गुणा ज्यादा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 14 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
इन शहरों में चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गंगटोक, हावेरी, कांचीपुरम, काशीपुर, कोल्लम, मदिकेरी आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट जरूर आई है, इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि फरीदाबाद में दो अंकों की गिरावट के साथ एक्यूआई घटकर 263 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 48 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बल्लभगढ़, बारां, बैरकपुर, बेगूसराय, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, करनाल, कटनी, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मानेसर, मेरठ, नागौर, नांदेड़, पाली, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, राउरकेला, सीकर, सिंगरौली, वापी, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 127 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धुले, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, यमुनानगर शामिल हैं।
हालांकि कल से तुलना करें तो देश में मध्यम हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी की गिरावट आई है।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में 'संतोषजनक' हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 43 पर पहुंच गई। देश में जिन शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है, उनमें पुदुचेरी, रामनगर, ऋषिकेश, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, विजयवाड़ा आदि शहर शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में करीब छह फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ छोटे बड़े 77 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 17 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से महज 15 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 43 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 दिसंबर को यह आंकड़ा 39 दर्ज किया गया था।
127 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (445) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 433 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 12 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज भी गंभीर बना हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (400) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (375) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 263, गाजियाबाद में 375, गुरुग्राम में 400, नोएडा में 359, ग्रेटर नोएडा में 326 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 199 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 230, चेन्नई में 120, चंडीगढ़ में 267, हैदराबाद में 111, जयपुर में 283 और पटना में 226 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गंगटोक, हावेरी, कांचीपुरम, काशीपुर, कोल्लम, मदिकेरी, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अमरावती, अनंतपुर, आरा, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, धारवाड़, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोरबा, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, ऋषिकेश, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर आदि 43 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।