देश में आज राजस्थान के बीकानेर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 289 पर पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 04 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से छह शहर राजस्थान के हैं। इन शहरों में बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, पाली और भिवाड़ी शामिल हैं।
प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 258 दर्ज किया गया। वहीं जैसलमेर (247) तीसरे जबकि बाड़मेर (205) चौथे स्थान पर है। 199 अंकों के साथ गाजियाबाद पांचवें स्थान पर है।
रुझानों के विश्लेषण में सामने आया है कि देश के 20 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं 21 फीसदी में हालात चिंताजनक बनी हुई है। 59 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक दर्ज की गई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 44 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 187 पर पहुंच गया। बता दें कि आज दिल्ली देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छठे स्थान पर है। बारबिल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 168 दर्ज किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नागौर, पाली और भिवाड़ी शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में चार शहरों की हवा 'खराब' दर्ज की गई है। इन शहरों की गिनती में कल से इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ आज देश में एक भी शहर ऐसा नहीं दर्ज किया गया, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई हो।
विश्लेषण से पता चला है कि बीकानेर, गुरूग्राम, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, पाली, भिवाड़ी, समस्तीपुर, झुंझुनूं, विशाखापत्तनम, उदयपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं। वहीं गाजियाबाद, बारबिल, भरतपुर, नोएडा, बद्दी, दुर्गापुर, मेरठ, जयपुर, राउरकेला, ब्यासनगर, देवास आदि में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह दिल्ली, बर्नीहाट, कोहिमा, पंचगांव, लखनऊ, रानीपेट, जलना, अहमदाबाद में पीएम2.5 से स्थिति परेशान कर देने वाली है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुवनंतपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 26 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि तिरुवनंतपुरम की तुलना देश के सबसे खराब हवा वाले शहर बीकानेर से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा बेहतर है।
तिरुवनंतपुरम की तरह ही देश के 39 अन्य शहरों में आज हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, मदिकेरी, मैसूर, नमक्कल, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, ठाणे आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश में बांसवाड़ा सहित छोटे बड़े 117 शहरों की हवा संतोषजनक दर्ज की गई।
इन शहरों में बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो कल से इनकी संख्या में करीब 31 फीसद की गिरावट आई है, जोकि पर्यावरण के लिहाज से अच्छी खबर है।
बता दें कि आज दिल्ली सहित देश के 38 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है। इनमें भरतपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, बर्नीहाट, छपरा, चुरू, कटक, दौसा, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, जयपुर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, खुर्जा, कोहिमा, लखनऊ आदि शहर शामिल हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 199 में से 40 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 117 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 जून 2025 को यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था।
38 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर (289) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल ब्रजराजनगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 310 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 44 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 187 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बाड़मेर चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (258) दूसरे, जबकि जैसलमेर (247) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 199, गुवाहाटी में 69, गुरूग्राम में 258, नोएडा में 147, ग्रेटर नोएडा में 108 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 104, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 90, हैदराबाद में 71, जयपुर में 106 और पटना में 105 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 40 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला, बदलापुर, बागलकोट, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, मदिकेरी, मैसूर, नमक्कल, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नयागढ़, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, श्री गंगानगर, टेन्सा, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 117 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में आज राजस्थान के बीकानेर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 289 पर पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 04 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से छह शहर राजस्थान के हैं। इन शहरों में बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, पाली और भिवाड़ी शामिल हैं।
प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 258 दर्ज किया गया। वहीं जैसलमेर (247) तीसरे जबकि बाड़मेर (205) चौथे स्थान पर है। 199 अंकों के साथ गाजियाबाद पांचवें स्थान पर है।
रुझानों के विश्लेषण में सामने आया है कि देश के 20 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं 21 फीसदी में हालात चिंताजनक बनी हुई है। 59 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक दर्ज की गई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 44 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 187 पर पहुंच गया। बता दें कि आज दिल्ली देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छठे स्थान पर है। बारबिल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 168 दर्ज किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नागौर, पाली और भिवाड़ी शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में चार शहरों की हवा 'खराब' दर्ज की गई है। इन शहरों की गिनती में कल से इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ आज देश में एक भी शहर ऐसा नहीं दर्ज किया गया, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई हो।
विश्लेषण से पता चला है कि बीकानेर, गुरूग्राम, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, पाली, भिवाड़ी, समस्तीपुर, झुंझुनूं, विशाखापत्तनम, उदयपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं। वहीं गाजियाबाद, बारबिल, भरतपुर, नोएडा, बद्दी, दुर्गापुर, मेरठ, जयपुर, राउरकेला, ब्यासनगर, देवास आदि में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह दिल्ली, बर्नीहाट, कोहिमा, पंचगांव, लखनऊ, रानीपेट, जलना, अहमदाबाद में पीएम2.5 से स्थिति परेशान कर देने वाली है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुवनंतपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 26 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि तिरुवनंतपुरम की तुलना देश के सबसे खराब हवा वाले शहर बीकानेर से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा बेहतर है।
तिरुवनंतपुरम की तरह ही देश के 39 अन्य शहरों में आज हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, मदिकेरी, मैसूर, नमक्कल, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, ठाणे आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश में बांसवाड़ा सहित छोटे बड़े 117 शहरों की हवा संतोषजनक दर्ज की गई।
इन शहरों में बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो कल से इनकी संख्या में करीब 31 फीसद की गिरावट आई है, जोकि पर्यावरण के लिहाज से अच्छी खबर है।
बता दें कि आज दिल्ली सहित देश के 38 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है। इनमें भरतपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, बर्नीहाट, छपरा, चुरू, कटक, दौसा, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, जयपुर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, खुर्जा, कोहिमा, लखनऊ आदि शहर शामिल हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 199 में से 40 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 117 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 जून 2025 को यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था।
38 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर (289) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल ब्रजराजनगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 310 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 44 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 187 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बाड़मेर चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (258) दूसरे, जबकि जैसलमेर (247) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 199, गुवाहाटी में 69, गुरूग्राम में 258, नोएडा में 147, ग्रेटर नोएडा में 108 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 104, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 90, हैदराबाद में 71, जयपुर में 106 और पटना में 105 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 40 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला, बदलापुर, बागलकोट, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, मदिकेरी, मैसूर, नमक्कल, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नयागढ़, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, श्री गंगानगर, टेन्सा, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 117 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।