बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

हवा में जहर: रोहतक में बढ़कर 389 पर पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक, शिलांग में हवा सबसे साफ

प्रदूषण का हॉटस्पॉट बना हरियाणा, रोहतक की हवा सबसे खराब, बढ़कर 389 पर पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक

Lalit Maurya

  • रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 389 पर पहुंच गया है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। पिछले दिन की तुलना में 115 अंकों की वृद्धि हुई है।

  • वहीं, शिलांग में हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक मात्र 12 है।

  • देश के 239 शहरों में से 31.8 फीसदी में हवा साफ है, जबकि 27.6 फीसदी में स्थिति चिंताजनक है।

  • रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 303 पर पहुंच गया।

  • हालांकि दिल्ली में हालात अभी बेहद खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,920 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

  • आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 196 रिकॉर्ड किया गया है।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में आज प्रदूषण के मामले में रोहतक अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 389 पर पहुंच गया है। मतलब की आज वहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्थिति में पहुंच गई है। वहीं कल रोहतक में सूचकांक 274 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल से वहां प्रदूषण में 115 अंकों का भारी उछाल आया है।

रुझानों से पता चला है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

भिवानी में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,490 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 31 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 01 नवंबर, 2025 को 239 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 31.8 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 40.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 27.6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती 23 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। वहीं मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 100 फीसदी का उछाल आया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 303 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी बेहद खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,920 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 196 रिकॉर्ड किया गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में चरखी दादरी (375) दूसरे जबकि फतेहाबाद (334) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 330 अंकों के साथ जींद चौथे स्थान पर है। मेरठ-कैथल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 326 और 324 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बागपत (321) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बल्लभगढ़ (319), मुजफ्फरनगर (319), और दिल्ली (303) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के छह शहर (रोहतक, चरखी दादरी, फतेहाबाद, जींद, कैथल, बल्लभगढ़) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां रोहतक, चरखी दादरी, फतेहाबाद, जींद, बागपत, बल्लभगढ़, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड, नोएडा, पानीपत, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, ग्रेटर नोएडा, चुरू, नागौर, बहादुरगढ़, करनाल, खन्ना, सोनीपत, काशीपुर, झुंझुनूं, नारनौल, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, पटियाला, मंडी गोबिंदगढ़, फरीदाबाद, सीकर, जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़, बठिंडा, मानेसर, हनुमानगढ़, गुम्मिडिपूंडी, रूपनगर, मंडीदीप, जोधपुर, जैसलमेर, मुरादाबाद, पलवल, कोल्लम, भिवानी, देहरादून आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।

वहीं मेरठ, कैथल, गुरूग्राम, श्रीगंगानगर, हिसार, बीकानेर, खुर्जा, दौसा, अम्बाला, विशाखापत्तनम, बाड़मेर, जयपुर, चेन्नई आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 31.8 फीसदी यानी 76 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में हल्दिया, इंदौर, झालावाड़, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, करूर, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटना, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तुमिडीह, वापी, वाराणसी, वातवा आदि शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मोतिहारी, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, पाली, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 32 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अम्बाला, औरंगाबाद (बिहार), बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भिवानी, बीकानेर, चंडीगढ़, चेन्नई, दौसा, देहरादून, धनबाद, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जोधपुर, खुर्जा, कोल्लम, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मुरादाबाद, पलवल, पंचकुला, रूपनगर, सीकर, तालचेर, थूथुकुडी, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 22 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 24 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में बद्दी, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, चुरू, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, हिसार, झुंझुनूं, करनाल, काशीपुर, खन्ना, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, नागौर, नारनौल, नोएडा, पानीपत, पटियाला, सोनीपत, श्रीगंगानगर, यमुनानगर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह आज देश के 10 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बल्लभगढ़, चरखी दादरी, दिल्ली, फतेहाबाद, जींद, कैथल, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रोहतक शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 100 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंता का विषय है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 239 में से 76 शहरों (-23.2 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 97 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 85 दर्ज किया गया था।

32 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज रोहतक (389) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। कल भिवानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज 292 अंकों के सुधार के साथ भिवानी में एक्यूआई घटकर 114 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 85 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 303 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर ‘खराब’ से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर 196 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में दो अंकों की गिरावट आई है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जींद चौथे स्थान पर है, वहीं चरखी दादरी (375) दूसरे, जबकि फतेहाबाद (334) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 79, गाजियाबाद में 298, गुवाहाटी में 53, गुरूग्राम में 276, नोएडा में 292, ग्रेटर नोएडा में 265 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 49 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 70, चेन्नई में 106, चंडीगढ़ में 170, हैदराबाद में 67, जयपुर में 107 और पटना में 41 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 76 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अनंतपुर, अररिया, आसनसोल, बारां, बारबिल, बैरकपुर, बेलापुर, भिलाई, बिहार शरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, छाल, छपरा, चिक्कामगलुरु, कटक, दमोह, डूंगरपुर, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हाजीपुर, हल्दिया, इंदौर, झालावाड़, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, करूर, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटना, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तुमिडीह, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंधप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मोतिहारी, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, पाली, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सासाराम, सतना, सिरोही, सिरसा, सूरत, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।