वायु

भिवाड़ी में बढ़ा प्रदूषण, दिल्ली-फरीदाबाद में भी एक्यूआई में आया उछाल

Lalit Maurya

देश के छोटे बड़े अन्य शहरों को पीछे छोड़ भिवाड़ी में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां बढ़ता प्रदूषण लोगों को बहुत ज्यादा बीमार करने के लिए काफी है। हालात यह हैं कि भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 346 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ मदिकेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। यदि इन दोनों शहरों में प्रदूषण की तुलना करें तो भिवाड़ी में स्थिति 17 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में आठ अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में हवा अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। इसी तरह फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी कल से पांच अंकों का उछाल आया है, जहां वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 11 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, ब्यासनगर, धनबाद, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, खुर्जा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, रायचुर, समस्तीपुर शामिल हैं। हालांकि कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 105 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, धुले, फिरोजाबाद, गडग, ​​गंगटोक, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मानेसर, मैंगलोर, मेरठ आदि शहर शामिल थे।

इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी कल से करीब 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि देश के 81 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इनमें अहमदाबाद, अलवर, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बदलापुर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बारीपदा, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, ग़ाजियाबाद आदि शहर शामिल थे।

कल की तुलना देखें तो देश में आज महज 199 शहरों के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़ों को साझा किया गया है। कुल मिलकर कहें तो कल से वायु गुणवत्ता की स्थिति मिली जुली रही है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 199 में से 105 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था। 12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में भिवाड़ी (346) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (93) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से आठ अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 105, गाजियाबाद में 80, गुरुग्राम में 62, नोएडा में 82, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 53, चेन्नई में 93, चंडीगढ़ में 49, हैदराबाद में 48, जयपुर में 64 और पटना में 53 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 105 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 45, आगरा 29, अहमदनगर 34, अजमेर 49, अकोला 35, अमरावती 32, अमरावती 26, अरियालुर 36, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 36, बद्दी 48, बागपत 48, बांसवाड़ा 44, बारां 47, बारबिल 35, बरेली 22, बाड़मेर 40, बैरकपुर 45, बेलापुर 32, बेलगाम 50, बेतिया 47, भिलाई 39, भीलवाड़ा 44, भिवंडी 46, भोपाल 36, भुवनेश्वर 28, बिलीपाड़ा 46, बक्सर 49, चंडीगढ़ 49, चंद्रपुर 34, छाल 38, चिक्कमगलुरु 32, कोयंबटूर 38, दमोह 40, देहरादून 27, देवास 46, धुले 43, फिरोजाबाद 39, गडग 50, ​​गंगटोक 21, गया 50, गोरखपुर 44, हल्दिया 30, हावड़ा 36, हैदराबाद 48, इंदौर 49, जबलपुर 47, जलगांव 27, जलना 44, झालावाड़ 42, झांसी 28, जोधपुर 50, कडपा 47, कलबुर्गी 35, कल्याण 34, करनाल 41, कारवार 25, कटनी 28, कोहिमा 40, कोल्हापुर 28, कोलकाता 33, कुंजेमुरा 46, लातूर 23, मदिकेरी 20, महाड 30, मानेसर 37, मैंगलोर 46, मेरठ 39, मीरा-भायंदर 29, मोतिहारी 34, मुंबई 34, मैसूरु 32, नागपुर 42, नासिक 42, नवी मुंबई 37, नयागढ़ 26, पलकलईपेरूर 25, पलवल 50, पिंपरी-चिंचवाड़ 35, पीथमपुर 41, प्रतापगढ़ 32, प्रयागराज 35, पुदुचेरी 50, राजमहेंद्रवरम 36, रामनगर 29, रामनाथपुरम 26, रतलाम 33, ऋषिकेश 32, राउरकेला 32, सागर 40, सांगली 42, सासाराम 38, सतना 39, सिलीगुड़ी 38, सिरोही 39, शिवसागर 43, सोलापुर 49, टेन्सा 27, ठाणे 35, तिरुवनंतपुरम 34, उल्हासनगर 49, वाराणसी 47, विजयपुरा 39, विजयवाड़ा 44, विरार 50, यादगीर 28 शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अलवर, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बदलापुर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बारीपदा, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, ग़ाजियाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हिसार, हुबली, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनू, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मुरादाबाद, नागांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिरसा, सूरत, तिरूपति, टोंक, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वापी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृन्दावन आदि 81 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।