बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

तिरुमाला में ओजोन प्रदूषण से घुटने लगी सांसे, एक्यूआई 325, श्रीगंगानगर में भी स्थिति 'खराब'

तिरुमाला में जहां कल वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 33 था, वो आज एकाएक 292 अंक बढ़कर 325 पर पहुंच गया। इस दौरान तिरुमाला की हवा में ओजोन पूरी तरह हावी रहा

Lalit Maurya

देश में वायु प्रदूषण का बढ़ना कोई नया नहीं है, लेकिन जब यही प्रदूषण तिरुमाला जैसे शहरों को अपनी चपेट में ले रहा है तो चिंता होना स्वभाविक भी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 19 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में तिरुमाला की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 325 पर पहुंच गया।

मतलब कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। हालात किस कदर खराब है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि तिरुमाला में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से 442 फीसदी अधिक है।

दिलचस्प बात यह है कि जहां कल तिरुमाला में वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 33 था, वो आज 292 अंक बढ़कर 325 पर पहुंच गया। इस दौरान तिरुमाला की हवा में ओजोन पूरी तरह हावी रहा।

प्रदूषण के मामले में आज राजस्थान का श्रीगंगानगर दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 242 दर्ज किया गया है। मतलब की वहां भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इसी तरह 199 अंकों के साथ अगरतला तीसरे जबकि मंडी गोबिंदगढ़ (180) चौथे स्थान पर है।

मेघालय के बर्नीहाट में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 158 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है। वहीं कटनी (122) छठे जबकि वापी (117) सातवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में समस्तीपुर (115), बद्दी (113) और रूपनगर (113) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है की आज जहां अगरतला, कटनी, वापी, समस्तीपुर, बद्दी, रूपनगर, तुमिडीह, सहरसा, नंदेसरी, बीकानेर, पीथमपुर, सुआकाती आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं। वहीं श्रीगंगानगर, मंडी गोबिंदगढ़, बर्नीहाट आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

वहीं इन शहरों के उलट आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर तिरुमाला की तुलना शिलांग से करें तो स्थिति 16 गुणा खराब है।

शिलांग की तरह ही आज देश के 89 अन्य शहरों में हवा साफ है।

इन शहरों में जोधपुर, कलबुर्गी, करौली, कटिहार, कोल्हापुर, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 115 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक है।

इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लखनऊ, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली आदि शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में आज संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 29 फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही इन शहरों की संख्या घटकर 15 रह गई है। आज देश में अगरतला, बद्दी, बीकानेर, बर्नीहाट, इंफाल, कटनी, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, पीथमपुर, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सुआकाती, तुमिडीह, वापी में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

विश्लेषण के मुताबिक आज देश के 40 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब आठ फीसदी में हालत चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं 52 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से 90 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 18 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 112 दर्ज किया गया था।

15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में तिरुमाला (325) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 230 के करीब पहुंच गया। कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 225 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 6 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 54 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मंडी गोबिंदगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं श्रीगंगानगर (242) दूसरे, जबकि अगरतला (199) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 58, गाजियाबाद में 60, गुवाहाटी में 51, हापुड में 36, नोएडा में 72, ग्रेटर नोएडा में 57 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 56, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 57, हैदराबाद में 67, जयपुर में 45 और पटना में 77 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 90 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), बागलकोट, बागपत, बारीपदा, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, हल्दिया, हापुड, हुबली, जयपुर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, करौली, कटिहार, कोल्हापुर, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर, शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बोईसर, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, दमोह, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लखनऊ, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सिलचर, सिंगरौली, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 116 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।