वायु

महज पांच फीसदी शहरों में साफ है हवा, हापुड-पटना सहित 67 फीसदी में चिंताजनक हैं हालात

देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 दर्ज किया गया। इसी तरह दिल्ली में भी स्थिति 'बेहद खराब' है

Lalit Maurya

ताजा रुझानों के मुताबिक आइजोल सहित देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। इनमें हुबली, मदिकेरी, ऋषिकेश, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि 12 शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 दर्ज किया गया। प्रदूषण के मामले में आज हापुड (340) दूसरे, जबकि दिल्ली (335) तीसरी स्थान पर है। वहीं पटना (316) चौथे, जबकि मुजफ्फरपुर (306) पांचवें स्थान पर रहा। इन सभी पांचों शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो वहां प्रदूषण का स्तर 17 गुणा ज्यादा है।

प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर छठ स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 295 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। हाजीपुर की तरह ही देश के छोटे बड़े 36 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है।

इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बैरकपुर, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चुरू, धनबाद, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, जोधपुर, कटिहार, कुंजेमुरा, मंडीदीप, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नोएडा, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, राजमहेंद्रवरम, सासाराम, सीकर, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

देश में आगरा सहित 66 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया। इन शहरों में दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, हसन, हैदराबाद, जालंधर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर आदि शहर शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में सात फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में अहमदाबाद सहित 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर में बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अलवर, अमरावती, अंगुल, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कल्याण, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जहां देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 67 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह करीब 28 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 66 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 71 दर्ज किया गया था।

118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (392) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में चार अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज घटकर 335 पर पहुंच गया, हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है।

गौरतलब है कि नवंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं हापुड (340) दूसरे, जबकि दिल्ली (335) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 192, गाजियाबाद में 257, गुरुग्राम में 180, नोएडा में 236, ग्रेटर नोएडा में 194 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 172, चेन्नई में 151, चंडीगढ़ में 215, हैदराबाद में 93, जयपुर में 189 और पटना में 316 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, हुबली, मदिकेरी, ऋषिकेश, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बांसवाड़ा, बरेली, बेलगाम, भरतपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, हसन, हैदराबाद, जालंधर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पंचकुला, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 66 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।