वायु

देश में महज 15 फीसदी शहरों में हवा साफ, क्या कहते हैं प्रदूषण के आंकड़े

देश में अगरतला सहित 34 शहरों में हवा साफ है। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी की गिरावट आई है

Lalit Maurya

देश में आज महज 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 35 में हालात चिंताजनक हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 10 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज अंडमान निकोबार की राजधानी श्री विजया पुरम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 282 रिकॉर्ड किया गया।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्री विजया पुरम की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति 12 गुणा खराब है।

वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बागपत (258) दूसरे जबकि गुरूग्राम (250) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 220 अंकों के साथ बुलन्दशहर चौथे पायदान पर है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से भले ही प्रदूषण में गिरावट आई है। लेकिन दिल्ली की हवा अभी भी खराब बनी हुई है।

बता दें कि प्रदूषित शहरों की इस लिस्ट में दिल्ली पांचवे स्थान पर है। इसी तरह आज देश में राजगीर (211) और मंडी गोबिंदगढ़ (204) की वायु गुणवत्ता भी खराब बनी हुई है, यह दोनों प्रदूषण के मामले में छठे और सातवें स्थान पर हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (190), चंडीगढ़ (188) और हनुमानगढ़ (178) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज देश में जहां चंडीगढ़, कटनी, हापुड आदि शहरों की हवा पर ओजोन काबिज है। वहीं श्री विजया पुरम, राजगीर, मंडी गोबिंदगढ़, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, हाजीपुर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। इसी तरह बागपत, गुरूग्राम, बुलन्दशहर, दिल्ली, बद्दी, हनुमानगढ़, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, धौलपुर, दौसा, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, ग्रेटर नोएडा आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

देश में आगरा सहित 71 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बठिंडा, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, दौसा, देहरादून, धौलपुर, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में अगरतला सहित 34 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रायपुर, शिलांग, सिलचर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपुर, वेल्लोर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी की मामूली गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में अहमदाबाद सहित छोटे बड़े 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक आदि शमिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से करीब 24 फीसदी का उछाल आया है।

विश्लेषण के मुताबिक आज देश में जहां महज 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 35 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दूसरी तरफ करीब 50 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 जून 2025 को यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया था।

71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में श्री विजया पुरम (282) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल सिंगरौली में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 289 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 215 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बुलन्दशहर चौथे स्थान पर है, वहीं बागपत (258) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (250) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 146, गाजियाबाद में 165, गुवाहाटी में 101, गुरूग्राम में 250, नोएडा में 173, ग्रेटर नोएडा में 148 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 174, चेन्नई में 99, चंडीगढ़ में 188, हैदराबाद में 81, जयपुर में 134 और पटना में 143 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, भीलवाड़ा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रायपुर, शिलांग, सिलचर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में आज महज 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 35 में हालात चिंताजनक हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 10 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज अंडमान निकोबार की राजधानी श्री विजया पुरम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 282 रिकॉर्ड किया गया।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्री विजया पुरम की तुलना आइजोल से करें तो स्थिति 12 गुणा खराब है।

वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बागपत (258) दूसरे जबकि गुरूग्राम (250) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 220 अंकों के साथ बुलन्दशहर चौथे पायदान पर है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से भले ही प्रदूषण में गिरावट आई है। लेकिन दिल्ली की हवा अभी भी खराब बनी हुई है।

बता दें कि प्रदूषित शहरों की इस लिस्ट में दिल्ली पांचवे स्थान पर है। इसी तरह आज देश में राजगीर (211) और मंडी गोबिंदगढ़ (204) की वायु गुणवत्ता भी खराब बनी हुई है, यह दोनों प्रदूषण के मामले में छठे और सातवें स्थान पर हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (190), चंडीगढ़ (188) और हनुमानगढ़ (178) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज देश में जहां चंडीगढ़, कटनी, हापुड आदि शहरों की हवा पर ओजोन काबिज है। वहीं श्री विजया पुरम, राजगीर, मंडी गोबिंदगढ़, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, हाजीपुर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। इसी तरह बागपत, गुरूग्राम, बुलन्दशहर, दिल्ली, बद्दी, हनुमानगढ़, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, धौलपुर, दौसा, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, ग्रेटर नोएडा आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

देश में आगरा सहित 71 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बठिंडा, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, दौसा, देहरादून, धौलपुर, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में अगरतला सहित 34 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रायपुर, शिलांग, सिलचर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपुर, वेल्लोर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी की मामूली गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में अहमदाबाद सहित छोटे बड़े 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक आदि शमिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से करीब 24 फीसदी का उछाल आया है।

विश्लेषण के मुताबिक आज देश में जहां महज 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 35 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दूसरी तरफ करीब 50 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 जून 2025 को यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया था।

71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में श्री विजया पुरम (282) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल सिंगरौली में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 289 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 215 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बुलन्दशहर चौथे स्थान पर है, वहीं बागपत (258) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (250) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 146, गाजियाबाद में 165, गुवाहाटी में 101, गुरूग्राम में 250, नोएडा में 173, ग्रेटर नोएडा में 148 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 174, चेन्नई में 99, चंडीगढ़ में 188, हैदराबाद में 81, जयपुर में 134 और पटना में 143 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, भीलवाड़ा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रायपुर, शिलांग, सिलचर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।