वायु प्रदूषण के मामले में आज तालचेर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 दर्ज किया गया। इसी तरह ब्यासनगर में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है, जहां सूचकांक 301 दर्ज किया गया है। प्रदूषण के मामले में आज गुवाहाटी तीसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 296 दर्ज किया गया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 257 दर्ज किया गया है।
दिल्ली की तरह ही देश के 27 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बैरकपुर, भागलपुर, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, चुरू, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, कोलकाता, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, पटना, पीथमपुर, राउरकेला, सुआकाती, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ मदिकेरी में प्रदूषण सबसे कम रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि मदिकेरी की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर तालचेर से करें तो वहां स्थिति दस गुणा बेहतर है।
आंकड़ों के मुताबिक मदिकेरी की तरह ही देश में 12 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, ऊटी, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति आदि शामिल हैं। कल से साफ हवा वाले शहरों में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
ताजा रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में अगरतला सहित 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इनमें कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर आदि शहर शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 23 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश में अहमदाबाद सहित 114 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में दस फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं करीब 60 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 242 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 69 दर्ज किया गया।
114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में एक बार फिर तालचेर (317) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 3 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 257 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब’ बनी हुई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अंगुल चौथे स्थान पर है, वहीं ब्यासनगर (301) दूसरे, जबकि गुवाहाटी (296) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 148, गाजियाबाद में 164, गुरुग्राम में 207, नोएडा में 135, ग्रेटर नोएडा में 189 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 213, चेन्नई में 93, चंडीगढ़ में 167, हैदराबाद में 96, जयपुर में 120 और पटना में 202 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, चामराजनगर, चरखी दादरी, मदिकेरी, मैहर, नागपट्टिनम, ऊटी, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देहरादून, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हसन, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सिलचर, शिवसागर, श्री गंगानगर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।