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वायु

साल के आखिरी दिन नोएडा में रही सबसे जहरीली हवा, दिल्ली सहित 16 शहरों में स्थिति 'बेहद खराब'

31 दिसंबर, 2025 को 242 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां महज 1.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 18.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 79.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

Lalit Maurya

  • नोएडा में 31 दिसंबर 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक 382 दर्ज किया गया, जो देश में सबसे प्रदूषित रहा। दिल्ली सहित 16 शहरों में स्थिति 'बेहद खराब' है।

  • नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।

  • नोएडा की हवा में पीएम2.5 कण हावी हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। गाजियाबाद में भी सुधार के बावजूद स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

  • 31 दिसंबर, 2025 को 242 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 1.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 18.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 79.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली (373) दूसरे जबकि धारूहेड़ा (367) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 366 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है। ब्यासनगर-भिवाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 353 और 350 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • बालासोर (346) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुम्मिडीपूंडी (340), देहरादून (329) और गुरुग्राम (328) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 31 दिसंबर 2025 को देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 382 रिकॉर्ड किया गया। कल नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 18 अंकों का सुधार आया है।

हालांकि वहां आज भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। रुझानों में सामने आया है कि नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 36 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नोएडा की तुलना दमोह से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा खराब है।

कल देश में गाजियाबाद की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 404 दर्ज किया गया था। आज 92 अंकों के सुधार के साथ गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 312 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां आज वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।       

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 15 अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। बता दें कि कल दिल्ली में एक्यूआई 388 दर्ज किया गया था, जो आज घटकर 373 पर पहुंच गया। गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।     

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 दिसंबर, 2025 को 242 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 1.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 18.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 79.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 27 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब 32 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। इसी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में कल से 14 फीसदी से अधिक का इजाफा रिकॉर्ड किया गया, जोकि चिंता का विषय है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली (373) दूसरे जबकि धारूहेड़ा (367) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 366 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है। ब्यासनगर-भिवाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 353 और 350 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

बालासोर (346) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुम्मिडीपूंडी (340), देहरादून (329) और गुरुग्राम (328) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ओडिशा के दो (बालासोर, ब्यासनगर) और उत्तर प्रदेश के दो शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि नोएडा, दिल्ली, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, ब्यासनगर, भिवाड़ी, बालासोर, गुम्मिडीपूंडी, देहरादून, गुरुग्राम, बद्दी, कटक, विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, तिरुमाला, पंचकुला, राजमहेंद्रवरम, सुआकाती, बारीपदा, हाजीपुर, चंडीगढ़, टोंक, मानेसर, चरखी दादरी, सीकर, करनाल, धनबाद, हापुड़, अंगुल, बल्लभगढ़, मुजफ्फरनगर, पानीपत, आसनसोल, अररिया, मंडीदीप, बूंदी, बागपत, समस्तीपुर, बुलंदशहर, पुडुचेरी, यमुना नगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), भीलवाड़ा, सोनीपत, बहादुरगढ़, तालचेर, वातवा, फरीदाबाद, अहमदाबाद, अंकलेश्वर, प्रतापगढ़, पीथमपुर, कुरुक्षेत्र, खुर्जा, पूर्णिया, चूरू, नारनौल, प्रयागराज, सूरत, करूर, कुड्डालोर, मुरादाबाद, जयपुर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, ग्वालियर, आरा, नागपुर, पुणे, जैसलमेर, उल्हासनगर, झालावाड़, लातूर, डूंगरपुर, सोलापुर, चेन्नई, बारबिल, देवास, पाली, हल्दिया आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं मेरठ, गाजियाबाद, इंदौर, कोटा, लखनऊ, रूपनगर, क्योंझर, बीकानेर, झुंझुनू, बेगूसराय, रतलाम, तिरुवनंतपुरम, गांधीनगर, कल्याण, श्री गंगानगर, राउरकेला, नागौर, सांगली, भागलपुर, तुमडीह, औरंगाबाद (बिहार), जोधपुर, वाराणसी, छपरा, आगरा, हनुमानगढ़, कैथल, पटना, दुर्गापुर, गया, सिरसा, बदलापुर, हावड़ा, ठाणे, मंडी गोबिंदगढ़, पिंपरी-चिंचवाड़, रायरंगपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, फतेहाबाद, बिलीपाड़ा, कानपुर, मीरा-भायंदर, किशनगंज, बेलापुर, अजमेर, मालेगांव, बांसवाड़ा, बाड़मेर, पटियाला, धारवाड़, नासिक, नयागढ़, नांदेड़, सासाराम, बारां, थूथुकुडी, बोइसर, मदुरै, अकोला, बरेली, अहमदनगर, सागर, अमरावती (महाराष्ट्र), पलवल, सिवान, बेलगाम, बिलासपुर, हैदराबाद, सहरसा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 1.7 फीसदी यानी महज चार शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में अगरतला, चामराजनगर, दमोह, शिवसागर आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 45 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, पंपोर, पंचगांव, रायपुर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, श्रीनगर, टेन्सा, त्रिशूर, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 127 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवंडी, भिवानी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोइसर, ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देवास, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कडप्पा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पलवल, परभनी, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिरोही, सिरसा, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विरार, यादगीर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 50 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अहमदाबाद, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारीपदा, भीलवाड़ा, भोपाल, बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चूरू, धनबाद, फरीदाबाद, हाजीपुर, हापुड़, इंदौर, करनाल, खुर्जा, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मंडीदीप, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नारनौल, पंचकुला, पानीपत, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, समस्तीपुर, सीकर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुमाला, टोंक, वातवा, यमुना नगर शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बद्दी, बालासोर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, कटक, देहरादून, दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, मेरठ, नोएडा, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 242 में से महज चार शहरों में हवा 'बेहतर' है। 45 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 30 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 62 दर्ज किया गया था।

127 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज नोएडा (382) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। इसके साथ ही आज भी नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। हालांकि कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है।

गौरतलब है कि कल देश में गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 404 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 92 अंकों के भारी सुधार के साथ गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 312 पर पहुंच गया। मतलब कि गाजियाबाद में आज स्थिति गंभीर से बेहद खराब हो गई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में 15 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 373 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता आज भी बेहद खराब है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 221 रिकॉर्ड किया गया। इसका मतलब है कि आज भी फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है।   

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 31 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (373) दूसरे, जबकि धारूहेड़ा (367) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 191, गाजियाबाद में 312, गुवाहाटी में 56, गुरूग्राम में 328, नोएडा में 382, ग्रेटर नोएडा में 366 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 214, चेन्नई में 168, चंडीगढ़ में 274, हैदराबाद में 101, जयपुर में 195 और पटना में 150 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन चार शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, चामराजनगर, दमोह, शिवसागर शामिल हैं।

वहीं अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, छाल, चिक्कमगलुरु, धौलपुर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हिसार, हुबली, जबलपुर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, पंपोर, पंचगांव, रायपुर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, श्रीनगर, टेन्सा, त्रिशूर, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 45 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

गाजियाबाद बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, एक्यूआई 404, दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब'