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वायु

दिवाली के बाद भी प्रदूषण से नहीं राहत, जींद-धारूहेड़ा में 400 के पार एक्यूआई, दिल्ली में 351 सूचकांक

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 7.4 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 20 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 72.6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं

Lalit Maurya

  • दिवाली के बाद देश में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जींद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 421 तक पहुंच गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,700 फीसदी अधिक है।

  • दिल्ली में भी प्रदूषण का स्तर बढ़कर 351 हो गया है।

  • देश के 72.6 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जबकि केवल 7.4 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

देश में मौसम के बदलाव के साथ त्यौहारों की धमक हवा पर भी साफ तौर पर दिखने लगी है। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के मौके पर जमकर हुई आतिशबाजी ने हवा को एक बार फिर जहरीला बना दिया है। स्थिति यह है कि जींद में बढ़ता प्रदूषण पूरी तरह हावी है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 421 पर पहुंच गया है।

मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

जींद में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,700 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल जींद में वायु गुणवत्ता का स्तर 248 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 173 अंकों का भारी उछाल आया है।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 17 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर जींद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 24 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 7.4 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 20 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 72.6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है।

रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी 37.2 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी करीब 9.7 फीसदी की गिरावट आई है।

चिंता की बात यह है कि आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 193 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 56 फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 351 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा हुआ है, जहां 84 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 268 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा (412) दूसरे जबकि नारनौल (390) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 376 अंकों के साथ रोहतक चौथे स्थान पर है। गुरूग्राम-बहादुरगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 370 और 368 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज भिवाड़ी (364) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज चरखी दादरी (353), सिरसा (353), दिल्ली (351) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के आठ शहर (जींद, धारूहेड़ा, नारनौल, रोहतक, गुरूग्राम, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, सिरसा) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां जींद, धारूहेड़ा, नारनौल, रोहतक, गुरूग्राम, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, चरखी दादरी, सिरसा, दिल्ली, भिवानी, गाजियाबाद, मानेसर, नोएडा, हापुड, नंदेसरी, सागर, बल्लभगढ़, मंडी गोबिंदगढ़, हाजीपुर, सोनीपत, श्री गंगानगर, ग्रेटर नोएडा, गोरखपुर, मुरादाबाद, धौलपुर, पीथमपुर, हनुमानगढ़, कैथल, कोटा, सहरसा, जयपुर, लुधियाना, फरीदाबाद, बागपत, फतेहाबाद, करनाल, धुले, अजमेर, भीलवाड़ा, बारबिल, वापी, लखनऊ, जालौर, हल्दिया आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।

मेरठ, पटना, अमृतसर, चुरू, बीकानेर, धनबाद, मैहर, इंदौर, प्रयागराज, सूरत, सासाराम, डिंडीगुल, गांधीनगर, कल्याण, कोलकाता, बिलासपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बाड़मेर, वाराणसी, आगरा, पंचगांव, चेंगलपट्टू, ठाणे, चेन्नई, बदलापुर, वृंदावन, कटिहार, थूथुकुडी आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 7.4 फीसदी यानी 20 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में बेलगाम, भिलाई, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, गंगटोक, कांचीपुरम, कारवार, कोल्लम, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, रायपुर, शिलांग, त्रिशूर, तिरुमाला आदि शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 37.2  फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदुरै, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, नाहरलगुन, नमक्कल, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सांगली, सतना, शिवमोगा, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 102 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देवास, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, महाड, मालेगांव, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, राजगीर, राउरकेला, रूपनगर, सलेम, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सूरत, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 9.7 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 193 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंताजनक है।

आज देश के जिन 79 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, होसुर, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजसमंद, रतलाम, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिंगरौली, सोनीपत, श्री गंगानगर, टोंक, उदयपुर, वापी, विरुधुनगर, यमुनानगर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, दिल्ली, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हापुड, मानेसर, नंदेसरी, नारनौल, नोएडा, रोहतक, सिरसा शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 56 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 271 में से 20 शहरों (-31 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 54 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 20 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया था।

102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में जींद (421) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया। कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 351 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 6 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 351 पर पहुंच गया है। मतलब की कल की तरह आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 84 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही एक्यूआई बढ़कर 268 पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज रोहतक चौथे स्थान पर है, वहीं धारूहेड़ा (412) दूसरे, जबकि नारनौल (390) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 229, गाजियाबाद में 324, गुवाहाटी में 144, गुरूग्राम में 370, नोएडा में 320, ग्रेटर नोएडा में 282 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 211 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘खराब‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 250, चेन्नई में 142, चंडीगढ़ में 147, हैदराबाद में 116, जयपुर में 272 और पटना में 226 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, गंगटोक, कांचीपुरम, कारवार, कोल्लम, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, रायपुर, शिलांग, त्रिशूर, तिरुमाला, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, बेंगलुरु, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, कुड्डालोर, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदुरै, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, नाहरलगुन, नमक्कल, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सांगली, सतना, शिवमोगा, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तुमिडीह, विजयपुरा, विजयवाड़ा आदि 54 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।