दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार का सिलसिला एक बार फिर थम गया है। हालात यह हैं कि कल से प्रदूषण के स्तर में 75 अंकों का इजाफा दर्ज किया गया है, जिसके साथ ही दिल्ली में आज यानी नौ फरवरी 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 227 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली की वायु गुणवत्ता एक बार फिर 'खराब' हो चुकी है।
कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्ली के आसपास के शहरों की भी है, जहां प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। फरीदाबाद में भी 27 अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 पर पहुंच गया है। हालांकि यहां अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
हालांकि प्रदूषण के मामले में आज नलबाड़ी पहले स्थान पर है, असम के इस शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 384 दर्ज किया गया है। इस तरह बर्नीहाट को पीछे छोड़ नलबाड़ी देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है।
वहीं बर्नीहाट आज प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 329 दर्ज किया गया है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज अहमदनगर (270) तीसरे स्थान पर रहा, वहीं हाजीपुर (264) चौथे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति वापी की भी है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण के मामले में आज वापी पांचवें स्थान पर है। वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (256) छठे, जबकि कुंजेमुरा (249) सातवें स्थान पर है।
इसी तरह 245 अंकों के साथ बेगूसराय आठवें पायदान पर है। नौवें स्थान पर मौजूद गुवाहाटी की भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 239 दर्ज किया गया है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दसवें स्थान पर रही।
गौरतलब है कि देश के छोटे बड़े 22 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है। इन शहरों में अहमदनगर, बद्दी, बेगूसराय, भिवाड़ी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, दिल्ली, दुर्गापुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, कुंजेमुरा, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पूर्णिया, श्री गंगानगर, सूरत, तालचेर, वापी शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 69 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं इसके उलट देश में पुदुकोट्टई की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नलबाड़ी की तुलना पुदुकोट्टई से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।
बता दें कि पुदुकोट्टई की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, झांसी, मैहर आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 66 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गडग, हावेरी, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करूर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मुरादाबाद आदि शामिल हैं।
कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 28 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इसका मतलब है कि देश में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हो रहा है।
आंकड़ों के अनुसार देश के 127 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। कल से इन शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है। रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है, वहीं दूसरी तरफ 67 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं 29 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से महज 8 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 66 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 92 दर्ज किया गया।
127 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में नलबाड़ी (384) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 75 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 227 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ से 'खराब' स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (329) दूसरे, जबकि अहमदनगर (270) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 148, गाजियाबाद में 129, गुरुग्राम में 170, नोएडा में 222, ग्रेटर नोएडा में 153 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 149, चेन्नई में 104, चंडीगढ़ में 166, हैदराबाद में 105, जयपुर में 144 और पटना में 196 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 8 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, झांसी, मैहर, पुदुकोट्टई, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।
वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, भिलाई, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गडग, हावेरी, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करूर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सुआकाती, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, विजयवाड़ा आदि 66 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।