सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

प्रदूषण में मुजफ्फरनगर रहा अव्वल, दूषित हवा वाले शहरों में भी हुआ भारी इजाफा

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 30 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वायु वहां एक्यूआई बढ़कर 200 के करीब पहुंच गया

Lalit Maurya

देश में मुजफ्फरनगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई का स्तर 265 पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि देश में प्रदूषित हवा वाले शहरों की संख्या बढ़कर दस पर पहुंच गई है। इन शहरों में बल्लभगढ़, चरखी दादरी, दौसा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, रोहतक, और सांगली शामिल हैं।

कल की तुलना में देखें तो देश में दमघोंटू हवा वाले शहरों की संख्या में 233 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 17 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मुजफ्फरनगर की तुलना मदिकेरी से करें तो स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 30 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 200 के करीब पहुंच गया है। दूसरी तरफ फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी 16 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद एक्यूआई 75 पर पहुंच गया है। हालांकि फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 69 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इनमें झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पलवल, परभनी आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

फरीदाबाद की तरह ही देश में 114 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

बता दें कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में जोधपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई आदि शहर शामिल थे।

वहीं देश के 49 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है, जिनमें दिल्ली भी शामिल है। इसी तरह देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बरेली, बेतिया, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दिल्ली, धारूहेड़ा, धौलपुर, फिरोजाबाद, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कानपुर, करनाल, कटिहार, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, नंदेसरी, नारनौल, पाली, पटियाला, पटना, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरसा, श्रीगंगानगर, वृंदावन शामिल थे।

वहीं कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में भी करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलकर देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। हालांकि अभी भी देश के 28 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है, जबकि 47 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ 24 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से 69 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 122 दर्ज किया गया था। 49 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरनगर (265) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (197) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 30 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 75, गाजियाबाद में 262, गुरुग्राम में 71, नोएडा में 210, ग्रेटर नोएडा में 236 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 101, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 139, हैदराबाद में 62, जयपुर में 160 और पटना में 116 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 69 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, आसनसोल, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी, वापी, विरार, यादगीर शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचकुला, पानीपत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सतना, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 115 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।