गांधी मार्केट क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए, शहर की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए एक अतिरिक्त बाजार स्थापित करने की योजना है। , फोटो द्वारा : रोहिणी कृष्णमूर्ति 
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भारत में आवाजाही : त्रिची ने वायु प्रदूषण घटाया लेकिन पैदल और साइकल के लिए अब भी जगह नहीं

त्रिची की शहरी योजना में एक बड़ा अंतर यह है कि वहां कोई पार्किंग नीति नहीं है। नगर निगम आयुक्त ने कहा कि यह प्रक्रिया में है और इसके लिए परामर्श चल रहे हैं

Rohini Krishnamurthy

त्रिची नगर निगम के अनुसार, 2019 से औसत वार्षिक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10) स्तर में गिरावट आई है और इसे और घटाने का लक्ष्य है। शहर ने अपने पीएम10 स्तर को 70 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर ( माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से घटाकर हाल के वर्षों में लगभग 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक लाने के लिए कई उपाय किए।

तमिलनाडु का चौथा सबसे बड़ा शहर होने के नाते, त्रिची ने जनसंख्या वृद्धि, रोजगार गतिविधियों में बढ़ोतरी, आय स्तर में वृद्धि, निजी मोटर वाहनों के स्वामित्व में इजाफा और शहरी फैलाव का अनुभव किया है।

स्रोत: त्रिची नगर निगम

वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए शहर ने चार मुख्य उपायों पर ध्यान केंद्रित किया। इनमें नियमित सड़क सफाई, बगीचे के कचरे को जलाने की प्रथा समाप्त करना, डोर-टू-डोर संग्रहण प्रणाली को मजबूत करना और खुले में नगरपालिका कचरा जलाने को रोकना व 20,000 पेड़ लगाना शामिल है।

त्रिची नगर निगम आयुक्त सरवनन वी ने डाउन टू अर्थ को बताया, “2020-21 में गिरावट का कारण कोविड-19 लॉकडाउन था। हमने 2022, 2023 और 2024 में इन उपायों की मदद से निम्न पीएम10 स्तर बनाए रखा है।”

नगर निगम शहर को भीड़मुक्त बनाने के लिए कुछ गतिविधियों को पंजीपुर स्थानांतरित करने पर भी काम कर रहा है। सरवनन ने कहा, “एक बार ये स्थानांतरित हो जाएं तो हम प्रदूषण स्तर को और घटा सकते हैं।”

उन्होंने अपने फोकस क्षेत्रों के बारे में भी बताया, “हमने गांधी मार्केट पर ध्यान केंद्रित किया, जो कोर सिटी में स्थित एक थोक बाजार है, जिसमें चार एकड़ में 1,400 दुकानें हैं। दूसरा था चत्तिरम और सेंट्रल बस स्टैंड, दोनों ही शहर की दस लाख से अधिक आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत छोटे हैं।”

चत्तिरम और सेंट्रल बस स्टैंड की भीड़ को कम करने के लिए पंजीपुर में एक नया ट्रक टर्मिनल चालू किया गया है, जिसमें प्रतिदिन 280 ट्रकों की क्षमता और पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था है। यह विशेष रूप से गांधी मार्केट की ओर ट्रकों की आवाजाही को कम करेगा, जहां पार्किंग की भारी कमी है। सरवनन ने कहा, “इससे यातायात मुख्य शहर से हटकर बाहरी इलाके की ओर स्थानांतरित होगा।”

इन समस्याओं को हल करने के लिए, शहर गांधी मार्केट के परे एक नया बाजार स्थापित करने की योजना बना रहा है। सरवनन ने बताया कि इस नए परिसर में 1,800 दुकानें बनाई जा सकती हैं और इसका बजट 226 करोड़ रुपये होगा।

सरवनन ने कहा, "सेंट्रल बस स्टैंड से सभी बसें पंजीपुर स्थानांतरित की जाएंगी और चत्तिरम से तीन रूट को छोड़कर सभी को वहीं ले जाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, “हम शहर के बस स्टैंड के पुनर्विकास के विकल्पों का पता लगा रहे हैं।"

त्रिची इंट्रा-सिटी डेवलपमेंट एंडेवर (टीआईडीईएस) के सदस्य श्याम सुंदर ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इससे शहर की भीड़भाड़ कम होगी। उन्होंने कहा, “यह देर से हुआ लेकिन एक अच्छा संकेत है।” हालांकि, कुछ स्थानीय निवासी संतुष्ट नहीं हैं। विजय को लगता है कि इस बदलाव से उनकी यात्रा 15 मिनट और सुभाश्री को लगता है इससे यात्रा 30 मिनट बढ़ जाएगी।

तमिलनाडु के 2025 बजट भाषण में त्रिची की शहरी गतिशीलता आवश्यकताओं के लिए ज्यादा कुछ नहीं था, हालांकि इसे पांच नगर निगमों में से एक के रूप में चिन्हित किया गया, जहां सामान्य विकास कार्य, जैसे फुटपाथ सुधार, किए जाएंगे।

अभी और करने की जरूरत है

हालिया प्रगति के बावजूद, त्रिची को शहरी गतिशीलता के क्षेत्र में अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर पैदल और साइकिल सुविधाओं के संबंध में। 2023 में प्रकाशित त्रिची की समग्र गतिशीलता योजना (CMP) ने कुछ चौराहों पर सुरक्षित पैदल यात्री और गैर-मोटर चालित यातायात पार पथों की कमी को उजागर किया। इस योजना में फुटपाथों, पैदल यात्री क्रॉसिंग अवसंरचना और समर्पित साइकिल ट्रैक के विकास का प्रस्ताव दिया गया।

2024 में जारी नेट-जीरो क्लाइमेट रेजिलिएंट सिटी एक्शन प्लान ने त्रिची के शहरी परिवहन प्रणाली को अपग्रेड करने की सिफारिश की। इसके तहत सीएनजी स्टेशनों का विस्तार, सार्वजनिक परिवहन का विद्युतीकरण और ई-रिक्शा को बढ़ावा देने जैसी सिफारिशें शामिल हैं।

इस योजना ने यातायात सुधारों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है। मसलन, जाम में कमी, उत्सर्जन मानकों का कड़ाई से अनुपालन और तिरुचिरापल्ली के आर-पार यातायात को मोड़ने के लिए बाईपास का निर्माण जैसे कार्य।

सीएमपी ने 2042 तक कुल बस बेड़े को 1,257 तक बढ़ाने की सिफारिश की, जिसमें कम-से-कम 50 फीसदी इलेक्ट्रिक बसें हों। सार्वजनिक परिवहन की सुलभता बढ़ाने और इसे प्रोत्साहित करने के लिए, हर 500 मीटर पर बस स्टॉप बनाने का सुझाव दिया गया।

डाउन टू अर्थ ने त्रिची के भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी के लिए तमिलनाडु स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (टीएनएसटीसी)-कुंभकोणम से ईमेल के जरिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब रिपोर्टर ने त्रिची शाखा का दौरा किया, तो अधिकारियों ने कहा कि उन्हें टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है और उन्होंने मुख्यालय से संपर्क करने को कहा।

त्रिची की शहरी योजना में एक बड़ा अंतर यह है कि वहां कोई पार्किंग नीति नहीं है। नगर निगम आयुक्त ने कहा कि यह प्रक्रिया में है और इसके लिए परामर्श चल रहे हैं।

टीआईडीईएस के सुंदर ने और अधिक पार्किंग पॉइंट्स की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने टीएनएसटीसी-कुंभकोणम के विभाजन की सिफारिश करते हुए कहा, “त्रिची का खुद का एक परिवहन मंडल होना चाहिए, जिसका मुख्यालय यहीं हो।”

2023 में चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना ने तिरुचिरापल्ली में मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) लागू करने के लिए विस्तृत संभाव्यता रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 45 किलोमीटर की दूरी को कवर करने वाले दो कॉरिडोर शामिल हैं: कॉरिडोर 1 (समयपुरम से वयलूर तक 19 किमी, 19 प्रस्तावित स्टेशन) और कॉरिडोर 2 (थुवाकुड़ी से पंजीपुर तक 26 किमी, 26 प्रस्तावित स्टेशन।

त्रिची में मेट्रो प्रणाली की मांग बढ़ रही है। त्रिची के सांसद दुरई वैको ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “हमें त्रिची मेट्रो परियोजना की जरूरत है ताकि हमारे शहर में ऐसी तकनीक आधारित निवेश को आकर्षित किया जा सके। यह तमिलनाडु द्वारा सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिए अपनाए गए सिद्धांतों का भी अनुकरण करेगा।”

2016 में शहरी विकास मंत्रालय ने त्रिची में शहरी परिवहन पहलों की समन्वित योजना और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) के लिए अंतिम संचालन दस्तावेज जारी किया था।

हालांकि केंद्र सरकार की 2006 की राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति ने शहरी परिवहन नियोजन के समन्वय के लिए यूएमटीए की स्थापना का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था, तमिलनाडु ने अब तक त्रिची के लिए यूएमटीए स्थापित नहीं किया है। यूएमटीए के लिए संचालन दस्तावेज 2016 में मंत्रालय द्वारा जारी किया गया था। सरवनन ने पुष्टि की कि राज्य सरकार ने इसे स्थापित करने की मंशा जताई है और यह प्रक्रिया में है। चेन्नई में पहले से ही यूएमटीए मौजूद है।

इस बीच, चेन्नई यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (सीयूएमटीए) के सदस्य सचिव जेयकुमार ने कहा कि सीयूएमटीए, त्रिची जैसे शहरों के विकास प्राधिकरणों को तकनीकी सिफारिशें दे सकती है। उन्होंने कहा, “हम अन्य शहर योजनाकारों को प्रशिक्षित कर सकते हैं, जो त्रिची में शहरी गतिशीलता को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। हम शहर की समग्र गतिशीलता योजना की समीक्षा कर सकते हैं और व्यावहारिक और लागू करने योग्य सिफारिशें दे सकते हैं।”

(यह त्रिची पर श्रृंखला का दूसरा भाग है, जो शहर की गतिशीलता और वायु प्रदूषण से इसके संबंध की पड़ताल करता है। पहला भाग भी पढ़ें।)