रांची में कचहरी रोड के पास सड़क पर ऑटो और खराब सिटी बसों का जमावड़ा। फोटो : विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

भारत में आवाजाही : एक लाख की आबादी पर 40 बसों की जरूरत, रांची में 14.5 लाख की आबादी पर महज 41 बसें

दो साल में पांच बार 244 नई बसों के खरीदने का टेंडर निकल चुका है लेकिन अब तक एक भी सफल नहीं रहा

Vivek Mishra

"यह सिटी बसें सड़कों पर ही कई दिनों से खड़ी हैं। इनकी पार्किंग के लिए राजधानी में कोई जगह नहीं हैं। यातायात के साधन सड़कों पर ही यहां-वहां खड़े रहते हैं।"

राजधानी में कचहरी मोड़ के पास नागा बाबा खटाल पर खड़ी खराब बसों की तरफ इशारा करते हुए ऑल ड्राइवर कल्याण संघ के रांची महासचिव पप्पू पांडेय ने कहा कि यहां ट्रैफिक व्यवस्था धवस्त हो चुकी है।

रांची को स्मार्ट सिटी मिशन के पहले चरण 2016 में शीर्ष 20 शहरों में चुना गया था। करीब दस साल बीत चुके हैं और राजधानी के पास सिटी बसों का अकाल है।

डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर अखिलेश कुमार ने डाउन टू अर्थ से कहा "शहर में अभी करीब 41 सिटी बसें संचालित हो रही हैं।" हालांकि, शहर में सड़कों पर बसों का न सिर्फ अभाव दिखा बल्कि स्थानीय लोगों ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा 24 से 25 बसे हीं शहर में मौजूद हैं और वह सीमित मार्ग पर ही चलती हैं।

2011 जनगणना के आधार पर रांची की कुल जनसंख्या 29,14,253 है। वहीं, इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसपोर्टेशन एंड डेवलपमेंट पॉलिसी फॉर रिसर्च मोबिलिटी पार्टनरशिप (आइटीडीपी) के द्वारा जुलाई, 2015 में बनाए गए कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) के मुताबिक रांची नगर निगम क्षेत्र मेें कुल शहरी जनसंख्या 14.6 लाख है।

ध्यान देने योग्य है कि रांची में जनसंख्या वृद्धि 2001 से 2011 के बीच 30 फीसदी की दर से बढ़ी थी तो अब यह संख्या और अधिक होगी।

क्या रांची के शहरी क्षेत्र में 14.6 लाख की आबादी के लिए यदि 41 बसों की मौजूदगी काफी है?

शहरों को कितनी बसों की जरूरत है? इसको तय करने के लिए कोई एकसमान स्थापित मापदंड नहीं हैं। अलग-अलग परंपराएं अपनाई जाती रही हैं। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेनएनयूआरएम) ने बस प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने एक नीतिगत सलाह तैयार की थी। इसके मुताबिक 50 हजार से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों के लिए प्रति एक लाख आबादी पर 40 बसें और 40 लाख से अधिक आबादी वाले मेगासिटीज के लिए प्रति एक लाख आबादी पर 50 बसें कम से कम होनी चाहिए।

यदि इस आधार पर रांची में सिटी बसों का आकलन करें तो यहां की 14.5 लाख शहरी आबादी के लिए जेएनएनयूआरएम की सलाह के अनुसार 580 सिटी बसें सुगम यातायात के लिए होनी चाहिए। यानी 539 बसें जब शहर में उपलब्ध होंगी तब जाकर यह मानक पूरा होगा।

244 सिटी बसों का इंतजार

निगम के एक अधिकारी के मुताबिक, रांची में 244 नई सिटी बसों के लिए 27 मार्च, 2023 में राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दी थी, इसके लिए 605 करोड़ रुपए की योजना को प्रशासनिक मंजूरी दी गई। इसके तहत 220 नॉन-एसी डीजल बसें और 24 एसी इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करनी है। अब तक पांच बार टेंडर निकाले गए हैं लेकिन यह सफल नहीं रहा है।

वहीं, स्थानीय नागरिकों का कहना है कि रांची में शहर में आवाजाही के लिए न सिर्फ सिटी बसें कम हैं बल्कि इनकी पार्किंग का भी कोई स्थान नहीं है। पांडेय के मुताबिक, सड़कों पर ही सिटी बसें रात में खड़ी कर दी जाती हैं।

डाउन टू अर्थ ने पाया कि शहर में सिटी बसों की पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि रांची जंक्शन रेलवे स्टेशन से सरकारी बस डिपो की तरफ घंटों का जाम लगता है और ई- रिक्शा व ऑटो के साथ प्राइवेट कैंब कंपनियों की कारों का जमावड़ा होने से आवाजाही बाधित बनी रहती है।

सरकारी बस डिपो पर जगह की इतनी कमी होती है कि बसें कई बार सड़कों पर ही खड़ी रहती हैं। सड़कें संकरी होने के कारण पैदल और साइकल यात्री को परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है।

निगम के मुताबिक शहर में 31 आधिकारिक पार्किंग साइट्स हैं। हालांकि, स्थानीय नागरिकों ने बताया कि शहर में मेन रोड, लालपुर, कचहरी जैसे व्यवस्त इलाकों में दो गुना अधिक पार्किंग स्लॉट्स की जरूरत है।

रांची को जोड़ने वाले शहरों से प्राइवेट बसों का बेड़ा रोजाना शहर में दाखिल होता है। स्थानीय नागरिक इनके मनमाने और महंगे किरायों से परेशान हैं।

कैसे आवाजाही करता है शहर

एक निजी कंपनी में काम करने वाले नितीश कुमार लालपुर क्षेत्र में रहते हैं। वह सदर अस्पताल के बाहर अपनी स्कूटी से शहर का दौरा करने जा रहे थे। डाउन टू अर्थ से उन्होंने बताया कि जो सिटी बसें मौजूद हैं वह महत्वपूर्ण स्थानों को कवर नहीं करती हैं। मसलन, सदर अस्पताल हो या मेडिकल कॉलेज या कचेहरी रोड की तरफ जाना हो। सभी जगह रूट पर उपलब्ध नहीं हैं। यहां उपलब्ध निजी सार्वजनिक वाहनों जैसे ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा के जरिए शहर का दौरा करना काफी महंगा है। जैसे बूंटी मोडं से सदर अस्पताल तक करीब दस किलोमीटर तक आवाजाही में 150 रुपए तक खर्च हो सकते हैं। यह एक दिन की मजदूरी की लगभग आधी कीमत है।

शहर में अब भी साइकल की सवारी जारी है। हालांकि, साइकल चलाने वालों के लिए साइकल ट्रैक नहीं है। कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश कुमार बताते हैं कि वह प्रतिदिन 20 किलोमीटर साइकल से यात्रा करके शहर में काम करने आते हैं। न ही कोई स्टैंड है और न ही सुरक्षा। ऐसा करके वह 150 से 300 रुपए की बचत करते हैं लेकिन उन्हें दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बना रहता है।

शहर में कारों की संख्या में तेजी से बढोत्तरी हुई है।

बीते पांच वर्षों (2021 से 2025) में झारखंड में सार्वजनिक परिवहन और निजी दोपहिया-चारपहियाे् वाहनों के पंजीकरण आंकड़े यह दर्शाते हैं कि निजी वाहनों की संख्या में बहुत तेज वृद्धि हुई है, जबकि सार्वजनिक परिवहन जैसे बसों और तीन पहिया यात्री वाहनों की वृद्धि तुलनात्मक रूप से सीमित रही है।

निजी दोपहिया और चारपहिया वाहनों के साथ ई-रिक्शा पंजीकरण में बीते पांच वर्षों (2021-2025) में पांच गुना की बढोत्तरी हुई है। बीते पांच वर्षों में (2021-25 तक) मोटरसाइकल स्कूटर का पंजीकरण 15,56,006 रहा। जबकि बीते पांच वर्षों में मोटर कार के पंजीकरण में बेतहाशा वृद्धि हुई, कुल 2,49,700 कारें पंजीकृत हुईं।

मोटर कैब और मोटराइज्ड साइकिल (सीसी>25सीसी) भी लाखों में पहुंच चुके हैं। ई रिक्शा में चार वर्षों में ही 558.16 फीसदी की वृद्धि हुई है। वाहन डेटाबेस के मुताबिक 2021 में ई-रिक्शा का कुल 1,871 था जो कि 2024 में बढ़कर 12,315 तक पहुंच गया।

Number of Vehicles in Ranchi Over the Last Five Year
S No��������������������� Vehicle Class ����������������������Calendar Year �����TOTAL�����
20252024202320222021
1ADAPTED VEHICLE517162444
2AGRICULTURAL TRACTOR000202
3AMBULANCE39927997133440
4ARTICULATED VEHICLE729834138225
5AUXILIARY TRAILER000101
6BUS7011,1619315922603,645
7CAMPER VAN / TRAILER426313820119
8CASH VAN8101920562
9CONSTRUCTION EQUIPMENT VEHICLE2527173833140
10CONSTRUCTION EQUIPMENT VEHICLE (COMMERCIAL)7521,5801,0046573074,300
11CRANE MOUNTED VEHICLE52211103179
12DUMPER200002
13EARTH MOVING EQUIPMENT201922211294
14E-RICKSHAW(P)5,25612,13511,6986,4241,87137,384
15E-RICKSHAW WITH CART (G)15027423713833832
16EXCAVATOR (COMMERCIAL)7131044459533
17EXCAVATOR (NT)0138416
18FIRE FIGHTING VEHICLE13005018
19FIRE TENDERS4302110
20FORK LIFT0082212
21GOODS CARRIER8,03116,64516,33012,8859,11163,002
22HEARSES000101
23LUXURY CAB110305
24MAXI CAB4029086034693212,703
25M-CYCLE/SCOOTER1,90,5133,80,4333,56,5613,22,2183,06,28115,56,006
26M-CYCLE/SCOOTER-WITH SIDE CAR276861157341654
27MOBILE CLINIC200013
28MOBILE WORKSHOP010001
29MOPED3,7978,6447,6526,8416,88533,819
30MOTOR CAB1,1232,4791,8821,2517907,525
31MOTOR CAR28,82657,48254,93552,67055,7872,49,700
32MOTORISED CYCLE (CC > 25CC)32,74270,37270,11867,21967,1073,07,558
33OMNI BUS13725313135529
34OMNI BUS (PRIVATE USE)72181207912481
35ROAD ROLLER202015
36SNORKED LADDERS3670016
37THREE WHEELER (GOODS)1,5553,1682,8962,7622,94913,330
38THREE WHEELER (PASSENGER)5,03910,3478,0266,1275,13334,672
39TOWER WAGON001001
40TRACTOR (COMMERCIAL)6,12512,32110,8199,99511,83751,097
41TRACTOR-TROLLEY(COMMERCIAL)2823995216468192,667
42TRAILER (COMMERCIAL)00013132
43VEHICLE FITTED WITH COMPRESSOR010001
44VEHICLE FITTED WITH GENERATOR010001
45VEHICLE FITTED WITH RIG5540014