भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

एयर क्वालिटी इंडेक्स: राजसमंद में जानलेवा हुई हवा, बर्नीहाट में भी प्रदूषण से दमघोंटू हुए हालात

दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे स्वच्छ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है

Lalit Maurya

देश में सभी शहरों को पीछे छोड़ राजसमंद में प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। आलम यह है कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना सकता है। बता दें कि राजसमंद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 320 दर्ज किया गया है।

राजसमंद के बाद प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 297 दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर देखें तो इन दोनों ही शहरों में स्थिति बेहद खराब है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में भागलपुर, अररिया, विशाखापत्तनम, तुमकुरु, आसनसोल, रायचुर, समस्तीपुर, और इंफाल शामिल रहे।

वहीं दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे स्वच्छ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि राजसमंद की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां वायु गुणवत्ता 17 गुणा ज्यादा खराब है। पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 141 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कुड्डालोर, कटक, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली में भी कल से प्रदूषण में इजाफा देखा गया है। जहां छह अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 70 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके बावजूद फरीदाबाद की हवा बेहतर बनी हुई है।

वहीं दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 84 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर सन्तोषजनक है। इन शहरों में भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, आदि शहर शामिल थे।

राहत की बात रही की कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। जहां 29 फीसदी की वृद्धि के साथ इन शहरों की संख्या नौ पर पहुंच गई है। देश में अररिया, आसनसोल, भागलपुर, इंफाल, रायचुर, समस्तीपुर, थूथुकुडी, तुमकुरु, विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 60 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है, जबकि 36 फीसदी में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। वहीं देश के चार फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से 142 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 71 दर्ज किया गया था। नौ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में राजसमंद (320) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (70) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से छह अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 46, गाजियाबाद में 53, गुरुग्राम में 80, नोएडा में 55, ग्रेटर नोएडा में 82 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 48, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 44, हैदराबाद में 56, जयपुर में 47 और पटना में 80 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 142 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कुड्डालोर, कटक, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हापुड, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटिहार, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरसा, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेतिया, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, जींद, कानपुर, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोल्लम, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटना, प्रयागराज, पूर्णिया, रोहतक, रूपनगर, सागर, सहरसा, सतना, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, विजयवाड़ा, विरार, यमुनानगर आदि 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।