वायु

सभी को पीछे छोड़ बेगूसराय में 258 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली-फरीदाबाद में भी बढ़ा प्रदूषण

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में श्रीगंगानगर, सिंगरौली, गुम्मिडिपूंडी, गाजियाबाद, सिवान, छाल, दुर्गापुर, रायचुर, समस्तीपुर शामिल थे

Lalit Maurya

देश के छोटे बड़े सभी शहरों को पीछे छोड़ बेगूसराय प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया। जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 258 दर्ज किया गया है। मतलब कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं इसके विपरीत सासाराम की हवा देश में सबसे साफ है, जो साफ तौर पर वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी झलकती है, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बेगूसराय में पसरे प्रदूषण की तुलना सासाराम से करें तो स्थिति 18 गुणा ज्यादा खराब है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में श्रीगंगानगर, सिंगरौली, गुम्मिडिपूंडी, गाजियाबाद, सिवान, छाल, दुर्गापुर, रायचुर, समस्तीपुर शामिल थे। वहीं देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली शामिल रही।

आज जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 119 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में मैसूर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा आदि शहर शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 अंक बढ़कर 83 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, जहां 24 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 78 पर पहुंच गया है। हालांकि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 105 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

इन शहरों में जैसलमेर, जालंधर, जींद, कानपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, ऊटी, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटना, पीथमपुर, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर आदि शहर शामिल थे।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में छाल, दुर्गापुर, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, इंफाल, नोएडा, रायचुर, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिवान, श्रीगंगानगर आदि शहर शामिल रहे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर कहीं तो देश के करीब आधे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 45 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ पांच फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 239 में से 119 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 97 दर्ज किया गया था। 12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बेगूसराय (258) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (83) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 14 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 78, गाजियाबाद में 118, गुरुग्राम में 70, नोएडा में 101, ग्रेटर नोएडा में 82 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 39, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 51, जयपुर में 60 और पटना में 77 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 119 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलासपुर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हुबली, इंदौर, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, करनाल, काशीपुर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उदयपुर, उडुपी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अम्बाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, फरीदाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, हसन, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जींद, कानपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, ऊटी, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटना, पीथमपुर, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, थूथुकुडी, तुमकुरु, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।