वायु

दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ मंडी गोविंदगढ़-पंचकुला में बह रही जानलेवा हवा

Lalit Maurya

देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ मंडी गोविंदगढ़, पंचकुला जैसे छोटे शहरों में हवा जानलेवा बनी हुई है। मंडी गोविंदगढ़ में तो स्थिति यह है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 354 पर पहुंच गया है। इसी तरह पंचकुला में भी एक्यूआई 310 रिकॉर्ड किया गया। दूसरी तरफ चिक्कबल्लापुर में सूचकांक 25 दर्ज किया गया है। यदि वहां मौजूद प्रदूषण की तुलना मंडी गोविंदगढ़ से करें तो स्थिति 14 गुना बेहतर है।

इसी तरह देश के सात अन्य शहरों में भी स्थिति दमघोटू बनी हुई है। इन शहरों में बद्दी (217), चंडीगढ़ (215), फरीदाबाद (214), ग्रेटर नोएडा (216), कुरुक्षेत्र (232), मुजफ्फरनगर (297) और श्री गंगानगर (292) शामिल थे। हालांकि इन खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की कल से तुलना करें तो इनकी संख्या में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कल से करीब चार फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद इन शहरों की संख्या 105 बनी हुई है। इन शहरों में धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, झुंझुनू, कडप्पा, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मंडीखेड़ा, मानेसर, मैंगलोर, मीरा-भयंदर, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर आदि शमिल थे।

वहीं बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। आज भी देश के 35 शहरों में हवा बेहतर दर्ज की गई। इन शहरों में देवास, गडग, गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, कलबुर्गी, कारवार, क्योंझर, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मंगुराहा, मैसूरु, नलबाड़ी, नारनौल, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, वाराणसी जैसे शहर शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 18 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 155 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण में 20 अंको की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' स्तर पर पहुंच गया है। देश में 78 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। कल से देखें तो इन शहरों पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

बता दें कि इन शहरों में बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, दिल्ली, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नोएडा, पाली, पानीपत, पटियाला, पटना, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सागर शामिल थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 227 में से 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 जून 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था।

78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं सात शहरों बद्दी, चंडीगढ़, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, कुरुक्षेत्र, मुजफ्फरनगर और श्री गंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोविंदगढ़ (354) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।    

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 18 अंक गिरकर 155 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 214, गाजियाबाद में 142, गुरुग्राम में 162, नोएडा में 163, ग्रेटर नोएडा में 216 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 126, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 215, हैदराबाद में 66, जयपुर में 101 और पटना में 120 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

आगरा (49) सहित देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 47, अररिया 47, अरियालुर 31, बेलगाम 50, बेंगलुरु 49, चामराजनगर 44, चिक्काबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 48, कोयंबटूर 39, कुड्डालोर 40, दावनगेरे 31, देवास 44, गडग 50, गुवाहाटी 33, हल्दिया 41, हावेरी 38, कलबुर्गी 48, कारवार 30, क्योंझर 38, कोलार 42, कोप्पल 46, मदिकेरी 36, मंगुराहा 41, मैसूरु 38, नलबाड़ी 43, नारनौल 48, सांगली 44, सिलचर 44, सिलीगुड़ी 50, शिवसागर 45, तिरुवनंतपुरम 43, तिरुपति 40, तिरुपुर 37, और वाराणसी 37 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, कटक, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, झुंझुनू, कडप्पा, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मंडीखेड़ा, मानेसर, मैंगलोर, मीरा-भयंदर, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पलवल, परभनी , पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमकुरु, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।

देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।