बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

दिल्ली-फरीदाबाद में सुधरी हवा, कटिहार बना देश का सबसे प्रदूषित शहर

रुझानों के मुताबिक देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। दूसरी तरफ देश के करीब 79 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं

Lalit Maurya

दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ देश में कटिहार में हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 380 पर पहुंच गया। प्रदूषण के मामले में हाजीपुर दूसरे, जबकि धनबाद तीसरे स्थान पर है। आंकड़ों के मुताबिक जहां हाजीपुर में एक्यूआई 349 रिकॉर्ड  किया गया। वहीं धनबाद में 339 पर बना हुआ है।

इसी तरह दुर्गापुर (337), किशनगंज (330), बक्सर (329), आसनसोल (326), अररिया (319), बैरकपुर (319) और विशाखापत्तनम (319) में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।

दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां सूचकांक 318 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल से तुलना करें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 94 अंकों का भारी सुधार आया है। बता दें कि कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 412 रिकॉर्ड किया गया था।

इसी तरह देश में हावड़ा और परभनी में गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार बना हुआ है। मतलब की इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। हालांकि राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है, जहां छह अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 279 पर पहुंच गया है। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 80 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है।

इन शहरों में अहमदनगर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बोईसर, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धुले, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कैथल, करनाल, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नासिक, नोएडा, पाली, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सिंगरौली, सिरसा, श्रीगंगानगर, टोंक, उल्हासनगर, विरार, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।   

कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर कटिहार की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में हावेरी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, मंगलौर, तंजावुर, त्रिशूर आदि शामिल हैं। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अलवर की तरह ही 42 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में पलवल, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं।

अच्छी बात यह रही कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में 112 शहरों में वायु गुणवत्ता का मध्यम स्तर पर है, जहां एक्यूआई 100 से 200 के बीच दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भिवानी, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हिसार, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मुरादाबाद, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा , ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।

देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, हालांकि इसके बावजूद अभी भी देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। दूसरी तरफ देश के करीब 79 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं 16 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 262 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 43 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 39 दर्ज किया गया था। 112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में कटिहार (380) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 412 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 94 अंकों की भारी गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 318 पर पहुंच गया है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अब भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। मतलब की इस महीने में पिछले 24 दिनों से दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

इस महीने आठ दिन वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया है। कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली 11वें स्थान पर है, वहीं कटिहार पहले जबकि हाजीपुर दूसरे स्थान पर है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 279, गाजियाबाद में 252, गुरुग्राम में 207, नोएडा में 243, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 250 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘खराब’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 205, चेन्नई में 88, चंडीगढ़ में 233, हैदराबाद में 123, जयपुर में 205 और पटना में 290 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कुड्डालोर, हावेरी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, मंगलौर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अलवर, अरियालूर, बरेली, बेंगलुरु, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, धारवाड़, एलूर, गडग, गुवाहाटी, इंदौर, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, ऊटी, पालकालाइपेरु, पलवल, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, विजयवाड़ा आदि 43 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।